गढ़वाल। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रविवार को केदारनाथ व बदरीनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार और भगवान बदरी विशाल का आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने दोनों धाम में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की व्यवस्थाओं की जमकर सराहना की और इसका श्रेय मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को दिया।
केदारनाथ धाम में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों से केदारपुरी दिव्य एवं भव्य नजर आ रही है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री, संत चिदानंद सरस्वती आदि संत रविवार को केदारधान पहुंचे और बाबा का आशीर्वाद लिया। इसके बाद शास्त्री काफी देर तक केदारपुरी की सुंदरता को निहारते रहे।
मंदिर समिति की व्यवस्थाओं से भी वे काफी प्रभावित दिखे और बोले, बेहतर व्यवस्थाओं के चलते देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को आ रहे हैं। उन्होंने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत संवर रही केदारपुरी की सुंदरता देखते ही बनती है।
धाम में रखी विजिटर बुक में उन्होंने लिखा, ‘आज श्री केदारनाथ के दर्शन किए, बहुत आनंद आया। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, समस्त अधिकारी व कार्यकर्ताओं को शुभाशीष। मंगल हो, जो प्राप्त है वही पर्याप्त है।’
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद सरस्वती ने विजिटर बुक में लिखा, ‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदार से काशी, अयोध्या से उज्जैन और ओंकारेश्वर से महाकाल तक जिस दिव्यता एवं भव्यता के साथ नए भारत का निर्माण हो रहा है, वह अभिनंदनीय है।’ जबकि, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने लिखा, ‘केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सनातन धर्म के उत्थान का जो कार्य हो रहा है, उसका शब्दों में वर्णन संभव नहीं है।’
इसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री बदरीनाथ धाम पहुंचे, जहां मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार समेत सदस्यों ने उनका फूलमालाओं से स्वागत किया। भगवान नारायण के दर्शन और पूजा-अर्चना के बाद शास्त्री ने धाम में धर्मशाला का भूमि पूजन किया और फिर समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की।
उनके साथ निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती व संत राधे बाबा भी मौजूद रहे।
मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस दौरान संतों ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया’ की कामना की। शास्त्री ने यात्रा व्यवस्थाओं की प्रशंसा की और विजिटर बुक में भी उल्लेख किया।