प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान की जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने दिया है।
अभियुक्तों पर बांग्लादेशी नागरिकों को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने का आरोप है। तथ्यों के अनुसार बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने हिना नामक भारतीय महिला से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया। उनके तीन बच्चे भी हुए।
2016 में रिजवान और हिना बच्चों को लेकर कानपुर आ गए। यहां पर पार्षद मन्नू रहमान और विधायक इरफान सोलंकी के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए और उसके आधार पर बच्चों का कानपुर के स्कूलों में दाखिला करवाया गया।
विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया। विवेचक ने उनके नाम भी शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। प्रकरण में हिना की जमानत पहले हो चुकी है।
आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया कि सह अभियुक्त की जमानत हो चुकी है। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है। रिजवान वैध वीजा पर भारत आया है। उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है।