नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए बैन को UAPA ट्रिब्यूनल ने जायज ठहराया है। यूएपीए ट्रिब्यूनल के हेड जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने केंद्र सरकर के फैसले को बरकरार रखा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने PFI पर साल 2022 में सितंबर महीने में बैन लगा दिया था। संगठन पर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने और देश को तोड़ने के आरोप लगे थे। UAPA ट्रिब्यूनल ने आदेश पारित करने के बाद इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है।
28 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर बैन लगा दिया था। उनपर यूएपीए एक्ट 1967 के सेक्शन 3(1) के तहत 5 साल का बैन लगा दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी जांच में पाया था कि पीएफआई और उससे जुड़े लोग आतंकी संगठन, आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे। गृह मंत्रालय ने PFI के अलावा रेहाब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया इमाम काउंसिल सहित कई संगठनों पर एक्शन लिया था।क्या कहता है कानून जान लीजिए