राउरकेला। राउरकेला शहर में एक्सपायरी व फर्जी सॉस का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। नगर निगम खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से समय-समय पर छानबीन की जा रही है, पर केवल नमूना संग्रह करने तथा जांच के लिए भेजकर औपचारिकता पूरी की जा रही है।
दुकानदार कर रहे खरीददारों की जिंदगी से छेड़छाड़
शहर के कुछ एक फास्ट फूड दुकानों को छोड़ कर अधिकतर दुकानों में फर्जी सॉस का ही उपयोग हो रहा है। दुर्गा पूजा, काली पूजा एवं लक्ष्मी पूजा सामने ही है, जिसमें इसका उपयोग अधिक होगा।
लाभखोर दुकानदार रोजगार के लिए लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। फर्जी सॉस बाजार में 20 से 30 रुपये बोतल बिक रहा है, जबकि नामी कंपनी का शास 80 से 200 रुपये बोतल है।
टमैटो और चिली सॉस में मिलाई जा रही ऐसी-ऐसी चीजें
टमाटो सॉस में टमाटर की जगह कोहड़ा, आलू, पपीता, कद्दू का उपयोग हो रहा है। वहीं चिल्ली सॉस में कच्चा मिर्च, कद्दू और आलू का उपयोग हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में असुरक्षित परिस्थिति में इसे तैयार किया जा रहा है। शहर के हर सड़क व चौक पर फास्ट फूड की दुकानें लग रही हैं।
चाऊमीन, मंच्यूरियन, चिली, एगरोल बनाने में इसका उपयोग हो रहा है। चटपटा होने के कारण बच्चे इसका सेवन अधिक कर रहे हैं। गंध एक जैसा होने के कारण आम लोग आसानी से नकली-असली की पहचान नहीं कर सकते हैं।
फास्ट फूड की दुकानों में फर्जी सॉस की सप्लाई
शहर में हर दिन 15 से 20 क्विंटल फर्जी सॉस फास्ट फूड की दुकानों में जा रहा है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे में भी इसका उपयोग हो रहा है।
इसे तैयार करने में सबसे खराब आलू, कोहड़ा, कद्दू, हरी मिर्च का उपयोग हो रहा है। प्लांट साइट, ट्रैफिक गेट, इस्पात सेंट्रल मार्केट, वेदव्यास, फर्टिलाइजर, बंडामुंडा आदि स्थानों में इन्हें बेचा जा रहा है।
कैंसर तक होने का है खतरा
मधुसूदनपल्ली, मालगोदाम, बंडामुंडा, फर्टिलाइजर समेत अन्य बस्ती क्षेत्र में इन्हें बनाने का काम हो रहा है। कटक भुवनेश्वर, ब्रह्मपुर, भुवनेश्वर की तरह राउरकेला में भी फर्जी शास का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है।
इससे लिवर, किडनी, आंत में अल्सर, कैंसर समेत अन्य बीमारी होने की आशंका है इसके बाद भी लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर इसका सेवन कर रहे हैं।