नई दिल्ली। देश में इन दिनों तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के प्रसाद लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने वाला मामला तूल पकड़ रहा है। पुलिस ने अब इस मामले में एक्शन लिया है, तिरुपति मंदिर में लड्डुओं में ‘अमूल’ ब्रांड के घी के इस्तेमाल के बारे में कथित तौर पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के सात उपयोगकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एफआईआर में कहा गया है कि सात एक्स उपयोगकर्ताओं ने गलत सूचना फैलाई, जिससे जीसीएमएमएफ
(Gujarat Cooperative Milk Marketing Federation) की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा, उन्होंने दावा किया कि मंदिर के लड्डुओं में पशु युक्त वसा अमूल घी का इस्तेमाल किया गया था।
‘अमूल कंपनी ने दी सफाई’
मामला अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 336 (4) और 196 (1) (ए) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे।
अमूल ने आगे कहा कि हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि अमूल घी हमारी अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं में दूध से बनाया जाता है, जो आईएसओ प्रमाणित है। अमूल घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध वसा से बनाया जाता है। हमारी डेयरियों में प्राप्त दूध एफएसएसएआई द्वारा निर्दिष्ट मिलावट का पता लगाने सहित गुणवत्ता जांच से गुजरता है।
‘अमूल पर निर्भर 36 लाख डेयरी किसान परिवारों को नुकसान’
जीसीएमएमएफ ने अपने एक्स हैंडल ‘अमूल.कूप’ पर स्पष्ट किया, ‘हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि अमूल घी हमारी अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं में दूध से बनाया जाता है। यह पोस्ट अमूल के खिलाफ इस गलत सूचना अभियान को रोकने के लिए जारी किया जा रहा है।’
जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि गलत सूचना से अमूल पर निर्भर 36 लाख डेयरी किसान परिवारों को नुकसान होता है।