काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत के साथ रिश्ते अब एक बार फिर से सुधरते दिख रहे हैं। भारत ने अपने दूतावास के एक दल को फिर से काबुल भेज दिया है। यही नहीं भारत ने अफगानिस्तान को कई टन गेहूं भेजा है। इसके अलावा भारत फिर से अफगानिस्तान को मानवीय मदद दे रहा है। इस बीच अफगानिस्तान पर आई एक ताजा किताब में दावा किया गया है कि तालिबान ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर बड़ा दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय राजनयिकों को फिर से बुलाने से पहले तालिबान ने पाकिस्तान के तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठक की थी।
पाकिस्तान ने इस लालच में दी तालिबान को मंजूरी
किताब में हसन अब्बास लिखते हैं कि काबुल में भारत की वापसी संभव नहीं होती अगर पाकिस्तान ने मदद नहीं किया होता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इसको मंजूरी इसलिए दी ताकि इसके जरिए तालिबान की नई नवेली सरकार को कुछ आर्थिक मदद दी जा सके। उन्होंने कहा कि तालिबान की तरह से ही पाकिस्तान किसी भी तरह से तालिबानी आतंकियों को आर्थिक मदद दिलाना चाहता था ताकि अफगानिस्तान में उनकी सरकार चल सके। किताब में यह भी दावा किया गया है कि तालिबानी इसलिए भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते थे कि ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय वैधानिकता और मान्यता मिल सके।