भिंड में शिक्षा विभाग के ब्लॉक एज्युकेशन ऑफिसर सुदामा सिंह भदौरिया ने एक दिन का बीईओ का चार्ज दफ्तर के चपरासी रमेश श्रीवास को सौंपा।
भृत्य रमेश ने बीईओ की कुर्सी संभालते सबसे पहले सीएमराइज स्कूल की पढ़ाई व्यवस्था देखी। फिर दफ्तर में स्वच्छता को ध्यान रखते हुए गुटखा, पान, तंबाखू खाने वालों पर शिकंजा कसते हुए यहां वहां थूकने वालों पर ₹200 जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया।
नायक फिल्म की तर्ज पर
यह नजारा था बुधवार को भिंड शहर के बीईओ कार्यालय का। यहां पर सब कुछ नायक फिल्म की तर्ज पर हो रहा था जिस तरह नायक फिल्म में अभिनेता को 1 दिन का सीएम बनाया जाता है। उसी तरह से दफ्तर में तैनात चपरासी रमेश श्रीवास को ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर भदौरिया ने 1 दिन का बीईओ का प्रभार सौंपा। यह सब कुछ दफ्तर के अंदर अफसर क्लर्क और चपरासी के बीच समानता का भाव लाने के लिए किया गया।
हर रोज दफ्तर की साफ-सफाई से लेकर चाय पानी की फिक्र करने वाले चपरासी को ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने अपनी कुर्सी पर बैठाकर निर्णय लेने का दायित्व दिया। यह प्रभार सौंपने से पहले ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने जिला शिक्षा अधिकारी से भी परमिशन ली थी।
स्कूल का मांगा रिकॉर्ड
ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर का 1 दिन का प्रभाव मिलने पर रमेश श्रीवास ने सबसे पहले सीएम राइस स्कूल का निरीक्षण किया। यहां शिक्षकों की उपस्थिति से लेकर छात्र संख्या आदि का रिकॉर्ड मांगा। स्कूल के शिक्षकों को जब इस बात की जानकारी लगी की प्रभारी बीईओ का दायित्व श्रीवास पर है तो वे भी अलर्ट हो गए।
दफ्तर में गंदगी की तो लगेगा जुर्माना
इसके बाद अपने दफ्तर में आकर प्रभारी बीईओ श्रीवास ने स्वच्छता एवं साफ सफाई व्यवस्था पर ध्यान आकर्षित करते हुए आदेश जारी किया। प्रभारी बीईओ ने दफ्तर के अंदर पान, तंबाकू और गुटका, बीड़ी , सिगरेट पीने वालों पर शिकंजा कसा। आदेश जारी करते हुए ऐसा करने वालों के खिलाफ ₹200 का जुर्माना लगाने का पत्र चस्पा किया गया। यह आदेश देख दफ्तर में मौजूद सीनियर से लेकर जूनियर कर्मचारी, बाबू, अधिकारी सभी भौंक्के रह गए।
मेरी नौकरी का सबसे खास दिन था
1 दिन का ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर का प्रभार मिलने के बाद श्रीवास खुशी के वजह से गद गद हो उठे। उनका कहना था कि मेरी नौकरी का सबसे विशेष दिन था। आज तक मैंने यह बात कभी सोची भी नहीं थी कि कभी मैं 1 दिन का भी ब्लॉक एजुकेशन ऑफीसर का कामकाज संभाल सकूंगा। हर रोज सीनियर से लेकर जूनियर अफसर कर्मचारियों की सेवा ही मेरा दायित्व था। परंतु 1 दिन का ब्लॉक एजुकेशन अफसर का दायित्व देकर मुझे मेरी सेवा का सम्मान दिया गया। इसके लिए मैं वरिष्ठ अफसरों का आभारी भी हूं।