रायपुर के बूढ़ातालाब धरना स्थल पर नौकरी की मांग को लेकर रविवार को बेरोजगारों ने बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस से भी इनकी झूमझटकी हो गई। फिर विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस ने इन युवाओं पर लाठियां बरसाई हैं। दौड़ा-दौड़ाकर उन्हें पीटा गया है।
वहीं एक युवक के कपड़े भी उतरवा दिए। बताया गया अनुमित से ज्यादा लोगों की भीड़ धरना स्थल पर जमा हो गई। इसे लेकर पुलिस ने इन्हें समझाने का भी प्रयास किया। मगर फिर भी युवक जब नहीं माने, तब ये स्थित बनी है।
पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 10 युवकों को गिरफ्तार किया है। असल में अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवक रविवार को प्रदर्शन कर रहे थे। इन्होंने अनुमति भी ली थी। धरना स्थल पर सिर्फ 100 लोगों को को ही आने की अनुमति थी। लेकिन यहां एक हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई थी।
ज्यादा भीड़ जमा होने पर पुलिस ने पहले ही इन्हें समझाने का प्रयास किया। वापस जाने की अपील की थी। मगर युवक नहीं माने। इसके बाद शाम के वक्त युवा रैली निकालने पर अड़ गए। उन्होंने रैली निकाली। उसी दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोका, तब पुलिस ने उनकी झूमाझटकी हो गई। इसके बाद लाठियां चार्ज की गई।
इसके बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सभी युवा इधर-उधर भागने लगे। युवक लगातार नारेबाजी कर रहे थे। घटना के बाद पुलिस ने करीब 10 युवकों को गिरफ्तार कर लिया। फिर उन्हें थाने ले जाया गया। आरोप है कि पुलिस ने उनमें से एक युवक के कपड़े उतरवा दिए।
उधर, इस बात की जानकारी जब बीजेपी नेताओं को मिली, तब बीजेपी नेता थाने पहुंच गए। उनकी पुलिस से बहस भी हो गई। काफी देर तक थाने में हंगामा होता रहा। आखिरकार बीजेपी नेता वापस चले गए। फिर भी पुलिस ने युवकों को नहीं छोड़ा है।
इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता अमित साहू ने कहा कि प्रदेश में अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना भी अपराध हो गया है। युवा आज अपनी नौकरी के लिए मांग करने सड़क पर उतरता है तो पुलिस ने उस पर लाठी चला दिया। जबकि सरकार दावा करती है कि बेरोजगारी प्रतिशत बहुत कम है। लेकिन इस भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवा परेशान है।
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार युवाओं को नौकरी के बजाय उन्हें लाठियों से जख्म दे रही है। पुलिस ने बेरोजगारों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है। प्रदेश के युवा इकट्ठे होकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। फिर भी पुलिस स्टेशन में उनके अपराधियों की तरह कपड़े उतरवा दिए गए। उन पर धारा लगा दी गई है। जो गलत है।
मामले को लेकर एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि बूढ़ा तालाब के धरना स्थल में केवल 100 के करीब लोगों को ही प्रदर्शन करने की अनुमति है। मगर यह लोग पुलिस की समझाइश के बाद भी बात नहीं माने और पुलिसवालों के साथ धक्का-मुक्की करने लगे। जिसमें कई पुलिस वालों को चोंटे आई है। इनमें से कुछ युवक शराब के नशे में भी थे। लाठीचार्ज नहीं किया गया है। हल्का बल का प्रयोग हुआ है।