मंडी। फॉरेक्स (विदेश मुद्रा) ट्रेडिंग का कारोबार दुबई से संचालित होता था। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है। हिमाचल,पंजाब,गुजरात,गोवा व हरियाणा में कारोबार के संचालन के लिए शातिरों ने पंजाब के जीरकपुर में नॉर्थ व्यू पार्क ब्लॉक ए की चौथी मंजिल में अपना मुख्य कार्यालय बना रखा था।
अपने पांव हिमाचल में जमाने के लिए शातिरों ने मंडी जिले के नागचला के अलावा शिमला,धर्मशाला व बद्दी अपनी शाखा खोल रखी थी। ऊना में भी शाखा खोलने की तैयारी में थे। इससे पहले ही उनका भंडाफोड़ हो गया।
40000 से सात लाख तक निवेश करने वालों को पांच प्रतिशत व आठ लाख या उससे अधिक निवेश करने वालों को हर माह छह प्रतिशत ब्याज देने का दिलासा दिया था।
दो साल में शातिरों ने निवेशकों को 210 करोड़ का लगाया चूना
शातिरों ने निवेशकों को बताया था कि उनके निवेश के पैसे को वह शेयर मार्केट में लगा रहे हैं। वहां दो साल में पैसा दोगुना हो जाएगा। निवेशकों को 11 माह के बाद का चेक देते थे। चेक जब बाउंस होने लगे तो निवेशकों को शातिरों पर शक हुआ। दो साल में शातिरों ने निवेशकों को 210 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
खुफिया एजेंसियां पुलिस को पिछले कई साल से कर कही थी सतर्क
तथाकथित क्यूएफएक्स कंपनी की कार्यप्रणाली को लेकर विभिन्न खुफिया एजेंसियां पुलिस को पिछले कई साल से सतर्क कर रही थी। अक्टूबर में सुंदरनगर के एक निवेशक की शिकायत पर बल्ह पुलिस हरकत में आई थी।
210 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने दो शातिरों चंद्रमोहन पुत्र राम लाल निवासी डी 735,नत्थुपुरा दिल्ली व दिनेश चोपड़ा पुत्र सुंदर लाल चोपड़ा निवासी मकान नंबर 171 प्रभु प्रेमपुरा अंबाला कैंट हरियाणा को
आठ नवंबर को गिरफ्तार किया था।
क्रिप्टो करेंसी की तरह हुई धोखाधड़ी
दोनों को सोमवार को शिमला के एक न्यायालय में पेश किया गया। वहां से उनका दिन का पुलिस रिमांड मिला है। दुबई भागे तीनों शातिरों को भारत लाने के लिए विदेश मंत्रालय से मदद मांगी गई है। तीनों के विरुद्ध पुलिस लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है। शातिर निवेशकों के साथ क्रिप्टो करेंसी की तरह धोखाधड़ी कर रखे थे। फर्जी सॉफ्टवेयर बनवा रखे थे।