स्टॉक खत्म होने के बाद भी नर्सरी में मिले पौधे
भरतकूप, चित्रकूट। भारतपुर नर्सरी पौधशाला में वन विभाग की बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। नर्सरी में स्टॉक शून्य होने के बावजूद भारी संख्या में पौधे पाए गए हैं, जिससे विभाग की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वन विभाग के अधिकारियों की देखरेख में चल रही इस नर्सरी में लंबे समय से गड़बड़ी का खेल जारी है, जो अब सार्वजनिक हो चुका है।
कब तक चलेगा वन विभाग का लुका-छिपी का खेल?
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है। सरकारी धन की बंदरबांट और पौधों के स्टॉक में हेरफेर वन विभाग की कार्यप्रणाली का हिस्सा बन चुका है। अधिकारियों द्वारा की जा रही लापरवाही और भ्रष्टाचार की वजह से नर्सरी के पौधों की सही जानकारी छिपाई जा रही है। सवाल ये उठता है कि आखिर कब तक वन विभाग लुका-छिपी का ये खेल खेलता रहेगा और कब जिम्मेदार अधिकारी इस गड़बड़ी पर लगाम लगाएंगे?
सरकारी धन की बंदरबांट का खुलासा
वन विभाग के भ्रष्टाचार के चलते सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। विभाग द्वारा पौधशाला में स्टॉक शून्य दिखाने के बाद भी नर्सरी में पौधों का मिलना सरकारी धन के बंदरबांट की कहानी बयान करता है। नर्सरी के पौधों को बेचकर धन अर्जित किया जा रहा है, जबकि कागजों में इसे समाप्त बताया जा रहा है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि विभाग के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार हो रहा है।
जिम्मेदारों की देखरेख में चल रहा खेल
भारतपुर नर्सरी में हो रहे इस भ्रष्टाचार की भनक स्थानीय निवासियों को भी थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ये भ्रष्टाचार कई वर्षों से चल रहा है। लोगों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि वन विभाग की विश्वसनीयता पर लगे सवालों का जवाब मिल सके।