लखनऊ। लोक निर्माण विभाग सड़क, सेतु व भवनों के निर्माण में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कुछ शर्तों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके अनुसार पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के कामों के लिए कंपनियों के पंजीकरण की शर्त को समाप्त किया जा रहा है। हालांकि उससे कम लागत वाले कामों के लिए पंजीकरण की शर्त को समाप्त नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
निविदा के लिए ठेकेदारों का पंजीकरण जरूरी
लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारों व कंपनियों को चार श्रेणियों में विभाजित किया है। इन्हीं श्रेणियों के अनुसार विभाग में उनका पंजीकरण किया जाता है। ‘ए’ श्रेणी के ठेकेदार पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के कामों के लिए निविदा भर सकते हैं। वहीं ‘बी’ श्रेणी के ठेकेदार अधिकतम पांच करोड़, ‘सी’ श्रेणी के ठेकेदार एक करोड़ तथा ‘डी’ श्रेणी में पंजीकृत ठेकेदार अधिकतम 40 लाख रुपये तक के कामों के लिए निविदा भर सकते हैं। निविदा के लिए ठेकेदारों का पंजीकरण जरूरी है।
विभाग ने यह प्रस्ताव शासन को भेजा है कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए पांच करोड़ रुपये से ज्यादा के कामों में ठेकेदारों के पंजीकरण की शर्त को समाप्त किया जाए। इसी सप्ताह इस संबंध में निर्णय़ लिए जाने की संभावना है।
ई-निविदा की शर्तों में भी बदलाव
विभाग ने ई-निविदा की शर्तों में भी बदलाव कर दिया है। इस संदर्भ में विभागाध्यक्ष एके जैन ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार अब विभाग के आन लाइन प्रहरी एप के जरिए आने वाली निविदिओं में ठेकेदारों के लिए केवल चार शर्तें तय की गई हैं।
इनमें ठेकेदारों का वार्षिक टर्नओवर,धरोहर राशि,चल रहे कामों का विवरण और कार्य का अनुुभव देखा जाएगा। श्री जैन ने कहा कि विभाग ने यह व्यवस्था इसलिए की है क्योंकि कई बार छोटी-छोटी कमियों को लेकर ठेकेदार एक दूसरे की शिकायतें करते हैं उससे काम में देरी होती है।