नई दिल्ली. ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही फ्लिपकार्ट में 16 वर्षों से चला आ रहा बंसल युग समाप्त हो गया है. 2007 में बिन्नी बंसल और सचिन बंसल ने इस ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्म की शुरुआत की थी. सचिन बंसल पहले ही अपनी सारी हिस्सेदारी वालमार्ट को बेच दी थी.
अब वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देकर बिन्नी बंसल ने भी कंपनी को छोड़ दिया है. बिन्नी ने कंपनी में अपनी शेष हिस्सेदारी बेचने के महीनों बाद पद छोड़ने का फैसला किया है.
बिन्नी बंसल ने इस्तीफे पर क्या कहा
मनीकंट्रोल पर छपी रिपोर्ट में बिन्नी बंसल और फ्लिपकार्ट की ओर से इस बारे में पुष्टि की गई है. बिन्नी बंसल ने कहा, “मुझे पिछले 16 वर्षों में फ्लिपकार्ट समूह की उपलब्धियों पर गर्व है. कंपनी एक मजबूत स्थिति में है, यह जानते हुए कि कंपनी सक्षम हाथों में है, अलग हटने का फैसला किया है.
वॉलमार्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट में कंट्रोलिंग स्टेक खरीदा था. फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल ने 2018 में पहले ही अपनी पूरी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेच दी थी, जबकि उनके साथी और अन्य को-फाउंडर बिन्नी बंसल ने अधिग्रहण के बाद भी फ्लिपकार्ट में एक छोटी हिस्सेदारी बरकरार रखी.
फ्लिपकार्ट की शुरुआत 2007 में बेंगलुरु के एक छोटे से 2BHK फ्लैट से हुई. सचिन बंसल फ्लिपकार्ट के सीईओ बने जबकि बिन्नी सीओओ का पद संभाला. 5 साल की अवधि में ही कंपनी को जबरदस्त सफलता मिली. 2012 में 15 करोड़ डॉलर जुटाने के बाद फ्लिपकार्ट भारत की दूसरी यूनिकॉर्न कंपनी बन गई.