नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष पर करारा प्रहार किया है। राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान को लेकर बीजेपी पहले से ही हमलावर है। पीएम ने बिना नाम लिए कहा कि विश्व के मंच पर किसी का डंका बज रहा है तो वह है भारत। ऐसे में देश के अंदर और बाहर की भारत विरोधी शक्तियां एकजुट हो रही हैं। भारत को रोकने के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर चोट की जा रही है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है, विश्वसनीयता खत्म करने की कोशिश की जा रही है। पीएम ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार में फंसे हैं, उन पर एक्शन होता है तो वे न्यायिक प्रणाली पर हमला करते हैं। कोर्ट कोई एक्शन लेता है, तो उस पर हमला होता है। कुछ लोगों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है। भ्रष्टाचार में लिप्त जितने भी चेहरे हैं, एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं। देश यह देख रहा है। नौ साल में बीजेपी की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया और भ्रष्टाचारियों की जड़ें हिलाकर रख दीं। आजादी के बाद पहली बार इस तरह भ्रष्टाचार पर चोट हो रही है। जनता खुश है। मैं जहां जाता हूं लोग कहते हैं मोदी जी रुकना मत। इस सब पर कुछ लोग अपना गुस्सा भी निकालेंगे लेकिन इनके झूठे आरोपों से न देश झुकेगा, न भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई थमने वाली।
‘BJP को मिटाने की कई बार साज़िशें हुईं’, पीएम की 5 अहम बातें
- जो लोग भ्रष्टाचार में फंसे हैं, उन पर ऐक्शन होता है तो वे न्यायिक प्रणाली पर हमला करते हैं। कोर्ट कोई ऐक्शन लेता है, तो उस पर हमला होता है। भ्रष्टाचार में लिप्त जितने भी चेहरे हैं, एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं।
- मोदी ने कहा, कांग्रेस के नेता कभी कहा करते थे कि जनसंघ जनसंघ को उखाड़कर फेंक देंगे। आज की कांग्रेस कहती है- मोदी तेरी कब्र खुदेगी।
- जनसंघ को मिटाने की, बीजेपी को मिटाने की कई बार साजिशें हुई हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने मुझे भी जेल में डालने की कई साजिशें कीं लेकिन नाकाम रहे। हम बचे हैं, फले हैं फूले हैं तो देशवासियों के प्यार से।
- बीजेपी यूट्यूब चैनलों और ट्विटर हैंडल से पैदा नहीं हुई है, बीजेपी जमीन पर काम करके, गरीबों के साथ तपकर आगे बढ़ी है।
- BJP चुनावों में जितना जीत हासिल करती रहेगी उतना ही उसे निशाना बनाया जाएगा।
पीएम बीजेपी मुख्यालय के पास रिहायशी कॉम्प्लेक्स और ऑडिटोरियम की शुरुआत कर रहे थे। इसी मौके पर उन्होंने से बातें कहीं। पीएम ने सांसदों से 6 अप्रैल को पार्टी के स्थापना दिवस और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के बीच के समय को सामाजिक न्याय के लिए समर्पित करने को कहा।