रामनगर/चित्रकूट
मामला चित्रकूट के सबसे चर्चित ब्लाक रामनगर का है जहा आज ऑनलाइन मनरेगा भुगतान के लिए खण्ड विकास अधिकारी ने थाने से पुलिस बल मगवाया। ब्लाक परिसर में सुबह से शाम 5 बजे तक पुलिस मुस्तैद रही।
वही परिसर में मौजूद दर्जनों सप्लायरों ने खण्ड विकास अधिकारी पर हिटलर शाही का आरोप लगाते हुए बताया की हम लोग 1 वा 2 वर्षों से ग्राम पंचायतों में सामग्री आपूर्ति की है जिसका भुगतान अभी तक नही हो पाया।सप्लायरों ने खंड विकास अधिकारी वा अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया की हम लोगो से फाइल फीड कराने के नाम पर एडवांस नगद पैसा लिया गया है उसके बाद भी हम लोगो का एफ टी ओ कैसिल कर हटा दिया गया है, उस समय क्यू नही रेशियों देखा गया जब हमसे मैटेरियल की आपूर्ति करा कर फाइलों को फीड कर दिया गया था। सप्लायरो ने आरोप लगाते हुए बताया की आजादी का अमृत महोत्सव,ध्वजारोहण के लिए आनन फानन में अमृत सरोवर तालाबों वा गौशालाओं में लाखो की सामग्री आपूर्ति वा कार्य करवा लिया गया जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ। यदि हमलोगो का भुगतान नहीं किया गया तो हम न्यायालय जायेगे।वही खण्ड विकास अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की सप्लायरों द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार है भुगतान शासन की मंशानुरूप अनुपातिक 60/40 के रेशियों से हुआ है।अब बड़ा सवाल यह है की यदि बात की जाय 60/40 के अनुपातिक रेशियों की तो पूर्व में हुए भुगतान रेशियों से भी अधिक के हुए है उनमें क्यू अनुपातिक रेशियों देखा नही गया। जो ब्लाक में टेंडर प्रक्रिया हुई है उसमे क्यों नही रेशियों का जिक्र किया गया, जब ब्लाक में रेशियों नही था तो स्वीकृत कैसे दे दी गई, अभी जो करोड़ों के कार्य है आगे चलकर कब तक में अनुपातिक रेशियों हो पायेगा।यह एक गंभीर चिंतनीय जांच का विषय है। क्या अब मनरेगा योजना के कार्यों के भुगतानके लिए ब्लाकों में अलग से पुलिस बल की तैनाती की जायेगी।यह जांच का विषय हैरिपोर्ट सूरज श्रीवास्तव चित्रकूट