यूनियन कारबाइट के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर शव सत्याग्रह किया गया
युका का 12 कंटेनर भरकर लाए कचरे के विरोध में 12 तारीख 12 बजकर 12 सेकंड पर शुरू हुआ शव सत्याग्रह
जिंदा 12 लोगों ने मुर्दा शव का रूप धारण कर किया शव सत्याग्रह
पीथमपुर : (जमीला बी ) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कारबाइट के जहरीले कचरे को पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में लाकर जलाने के मामले में लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा हैं।
गांव के चौकीदार से लेकर कमिश्नर तक लगातार पीथमपुर में जनसंवाद कर आम लोगों, श्रमिक संगठनों ,विरोध कर रहे लोगों, उद्योगपतियों को यह समझाने में लगभग एक महीने से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। किन्तु आम लोगों और विरोध कर्ताओं का गुस्सा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा हैं। प्रशासन के अधिकारियों को जनसमस्या निवारण शिविर और जनसंवाद के दौरान रहवासियों के गुस्से का शिकार होने के बावजूद कलेक्टर हर व्यक्ति को मुस्कराकर समझाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन युका के कचरे को लेकर आम लोगों के मन में उठ रहे सवाल ठंडा पड़ने का नाम ही नहीं ले रहा हैं।
बल्कि विरोध के नए नए तरीके लाए जा रहे हैं, जल्दी ही मानव श्रृंखला बनाकर आम लोगों को आंदोलन से जोड़ने की तैयारी भी शुरू की जाएगी।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में यूनियन कार्बाइड भोपाल के जहरीले कचरे के निपटान के विरोध का एक दम नया अंदाज योग के माध्यम से सफेद कफ़न पहनकर बुधवार यानी 12 फरवरी को 12 बजकर 12 मिनट और 12 सेकंड पर 12 जीवित लोगों ने स्थानीय महाराणा प्रताप बस स्टैंड पर पीथमपुर बचाओ समिति के 12 सदस्यों ने गांधीवादी तरीके से शव सत्याग्रह किया। इस दौरान 12 लोगों ने योगासन की मुद्रा में अपने शरीर को शव की मुद्रा में लेटकर 12 मिनट तक अपना विरोध दर्ज कराया।
पीथमपुर बचाव समिति के अध्यक्ष डॉ हेमंत हीरोले ने बताया कि 1 जनवरी 25 की रात को 12 कंटेनरों में भोपाल से रासायनिक कचरा, पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित
रामकी एनवायरो कंपनी में लाया गया है। आंदोलन के दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस कचरे का निपटान पीथमपुर में किया गया, तो न केवल शहर बल्कि आसपास के कई गांव भी प्रदूषण की चपेट में आ जाएंगे। और यह हम नहीं होने देंगे। आज तो शव योग के माध्यम से विरोध जताया है, लेकिन प्रशासन अगर नहीं माना तो हकीकत में भी जान देने वाले कम नहीं है। प्रशासन लोगों को समझाकर कंटेनर की सील खोलकर कुछ मात्रा में कचरा जलाने के प्रयास कर रहा हैं।उनका कहना हैं कि कंटेनर की सिल तोड़ी गई तो बड़ा जनाक्रोश होगा और बड़े पैमाने पर आंदोलन स्वत शुरू हो जाएगा ।
अभी तो हम लोगों को रोककर वैधानिक तरीके से प्रशासन की अनुमति से विरोध दर्ज करवा रहे हैं। उसमें लोगों का आक्रोश उपस्थित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी खुद देखते हैं। उसके बावजूद दवाब में प्रशासन ऐसा कोई कदम न उठाए ताकि हमारे शहर को परेशानी आए।
हालांकि बुधवार के आंदोलन के लिए निषेधाज्ञा लागू होने से प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। जिससे सीमित मात्रा में केवल चंद विरोधी संगठन के पदाधिकारी और प्रमुख लोग शामिल हुवे ।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उच्च न्यायालय में सरकार ने उनकी मांगों और चिंताओं को नहीं रखा है। यह शव सत्याग्रह सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का एक सांकेतिक प्रयास हैं ।
इस आंदोलन में योगाचार्य प्रदीप दुबे महू ने योग के माध्यम से शव सत्याग्रह करवाया।इस दौरान जिंदा सभी 12 युवक कफ़न से ऐसे ढके थे जैसे शव रखे हुवे हो ।
इस अवसर पर गैस त्रासदी से जुड़ी साधना कर्णिक प्रधान ( भोपाल गैस पीड़ित कार्यकता) ने बताया कि पहले 2015 में जो यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाया गया था। जिसका पीथमपुर पर विकराल असर दिखाई दे रहा है। जिस से कई लोग बीमारियों से पीड़ित है।
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