भागलपुर। बीएसएनएल के सिमधारकों को एक साल और नेटवर्क की समस्या से जूझना पड़ेगा। फाइवजी सेवा मिलने की बात तो दूर फोरजी सेवा के लिए भी 2024 तक इंतजार करना होगा। ऐसी स्थिति में एक साल उपभोक्ताओं को थ्रीजी नेटवर्क से ही काम चलाना पड़ेगा।
बीटीएस की कमी से कमजोर नेटवर्क के कारण बरारी, सबौर, मायागंज, जबारीपुर, विक्रमशिला कालोनी, इशाकचक, लालूचक सहित दक्षिणी शहर में नेटवर्क की समस्या रहती है। कमजोर नेटवर्क के कारण उपभोक्ताओं को बात करने में परेशानी होती है।
2022 में ही फोरजी सेवा शुरू होना था
संपर्क होने पर खड़खड़ाहट की आवाज, बात करते आवाज गुम होने, बीच में ही संपर्क टूटने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।भागलपुर सहित बिहार के सभी जिलों में 2022 में ही फोरजी सेवा शुरू होना था, लेकिन बीटीएस की अनुपलब्धता के कारण योजना पर पानी फेर दिया।
दरअसल, डोकलाम युद्ध के बाद चाइना का टेंडर रद कर दिया गया था। इसलिए आत्मनिर्भर भारत के तहत फोरजी के लिए बीटीएस सहित सभी उपकरण स्वदेशी होंगे। टाटा कंपनी उपकरणों को तैयार कर रहा है। भागलपुर सहित प्रदेश के सभी जगहों 4966 बीटीएस की जरूरत है।
इसमें भागलपुर को 350 बीटीएस की आवश्यकता है। बीटीएस की आपूर्ति नहीं होने के कारण फोरजी सेवा शुरू नहीं हो पा रहा है। 2024 तक आपूर्ति के बाद बीटीएस लगाने में कम से कम दो-तीन माह लग सकता है।
350 नए टावर लगाने की योजना
बीएसएनएल के अधिकारियों के अनुसार फोरजी चालू होने के साथ ही 1.25 लाख सिमधारकों को हाइस्पीड की सुविधा मिलेगी। भागलपुर में 282 बीटीएस चल रहे हैं और 350 नए टावर लगाने की योजना है।
खलीफाबाग, आदमपुर, तिलकामांझी, नाथनगर, विश्वविद्यालय क्षेत्र, स्टेशन रोड, अलीगंज, मोजाहिदपुर, भीखनपुर सहित शहर में लगने वाले टावरों के लिए स्थल को चिन्हित किया जा चुका है। फोरजी के दो टावरों के बीच की दूरी 400 मीटर होगी, लेकिन घनी आबादी क्षेत्रों में 200 से 300 मीटर की दूरी होगी।
बीएसएनएल के फोरजी के मोबाइल टावर (बीटीएस) भागलपुर शहर में 155 मोबाइल टावर और शेष एक सौ मोबाइल टावर ग्रामीण क्षेत्र में लगाए जाएंगे। इसके अलावा बांका जिला में टावर लगेगा। मोबाइल टावर लगाने के लिए प्राथमिकता सरकारी भवनों को दी जाएगी। इसके बाद निजी मकानों पर भी टावर लगेंगे।
टावर को किया जाएगा कनवर्ट
इसके लिए तीन मंजिला भवन को अनिवार्य किया गया है। इच्छुक व्यक्ति अपने मकान पर मोबाइल टावर लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। शहर में पहले से थ्रीजी के 45 मोबाइल टावर है, जिसको फोरजी में कनवर्ट किया जाएगा।
कम दूरी पर टावर रहने से बेहतर नेटवर्क कवरेज मिलेगा और एक समय में आवश्यकता से ज्यादा उपभोक्ताओं के इंटरनेट का उपयोग करने पर भी स्पीड कम नहीं होगी।
निजी कंपनियों के टैरिफ दरों में वृद्धि की गई, लेकिन उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर बीएसएनएल ने टैरिफ दरों में वृद्धि नहीं की। इसका नतीजा भी सामने आया है। प्रतिमाह औसतन 10 हजार उपभोक्ता बढ़ रहे हैं।
बीएसएनएल के महाप्रबंधक मनीष साहू ने बताया कि बीटीएस की अनुपलब्धता की वजह से ही फोरजी नेटवर्क चालू नहीं किया जा सका है। 2024 से पहले 4जी के बीटीएस की आपूर्ति करने की उम्मीद कम है। फोरजी सेवा चालू होने से हाइस्पीड नेटवर्क मिलेगी।