नई दिल्ली: रेरा (Real Estate Regulatory Authority) के गठन के बाद भी बड़ी संख्या में बायर्स (Buyers) का संघर्ष जारी है। 5 साल में रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) ने 40 हजार से भी ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया है। इनमें से 13 हजार केस ऐसे हैं जिनमें बिल्डरों ने आदेश नहीं माना है। फ्लैट खरीदारों को लंबे समय तक रेरा (Real Estate Regulatory Authority) में लड़ाई लड़ने के बाद कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। ऐसे मामलों की संख्या रेरा (Real Estate Regulatory Authority) में लगातार बढ़ रही है। स्थिति यह है कि बायर्स (Buyers) को रेरा का आदेश मनवाने के लिए हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ रहा है।