भोपाल
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 22 एवं 23 नवंबर को भोपाल में राज्य स्तरीय कला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव के प्रथम दिवस लोक नृत्य, लोकगीत, शास्त्रीय नृत्य एवं वादन की मधुर प्रस्तुतियाँ हुई। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय एवं एनसीईआरटी द्वारा वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष शालेय विद्यार्थियों के लिए नृत्य, संगीत, एकल अभिनय, मूर्तिकला, चित्रकला और स्थानीय खिलौने विधा में प्रतिवर्ष कला उत्सव का आयोजन किया जाता है।
सातवें राज्य स्तरीय कला उत्सव में प्रसिद्ध पखावज वादक अखिलेश गुंदेचा ने कला उत्सव का दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन किया। कला उत्सव में मालवा, बुंदेलखंड के लोकगीतों की सुमधुर प्रस्तुति हुई। सागर के बंबुलिया लोकगीत ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया। शास्त्रीय गायन में रीवा की राशि द्विवेदी ने सुमधुर गणेश वंदना प्रस्तुत की। तबला वादन में समर्थ शर्मा एवं आस्था गाडगे ने तीन ताल पर तबले पर शानदार प्रस्तुति दी।
इसी श्रंखला में शास्त्री नृत्य वर्ग में भरतनाट्यम, कथक एवं कुचिपुड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति हुई। लोकनृत्य श्रेणी में भी गोंडी गायकी निमाड़ी एवं बुंदेली लोक नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति हुई। इसमें आवासी श्रमोदय के कपिल ने गायकी नृत्य प्रस्तुत किया, जो कि मध्य प्रदेश की गोंड जनजाति द्वारा किया जाता है। राज्य-स्तरीय कला उत्सव की प्रतियोगिताएँ कल निरंतर जारी रहेंगी। राज्य-स्तरीय कला उत्सव में प्रदेश से कुल 180 प्रतिभागी सहभागिता कर रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य स्तर से चयनित प्रतिभागी आगामी जनवरी माह 2023 में आयोजित राष्ट्रीय कला उत्सव भुवनेश्वर उड़ीसा में सहभागिता करेंगे। इस अवसर पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अरविंद कुमार चोरगड़, उप संचालक लोक शिक्षण धर्मेंद्र कुमार शर्मा एवं प्राचार्य श्रीमती सरला कश्यप, श्रीमती रजनी, श्रीमती वंदना शुक्ला आदि उपस्थित थे।
कला उत्सव के समन्वयक डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य लगातार राष्ट्रीय कला उत्सव में अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति देता आ रहा है और प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के विद्यार्थी कला उत्सव में पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं। इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सभी 20 प्रतिभागी भुवनेश्वर में वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश की लोक कलाओं की प्रस्तुति देंगे। इसी आशा के साथ सभी अतिथियों एवं जूरी मेंबर का आभार प्रदर्शन किया गया।