नई दिल्ली: अप्रैल का महीना नौकरीपेशा (प्राइवेट) लोगों के लिए अहम होता है। लोगों को अपने प्रपोज्ड इन्वेस्टमेंट के बारे में अपनी कंपनी को जानकारी देती होती है। इसके साथ इंक्रीमेंट सीजन भी शुरू हो जाती है। अधिक वेतन बढ़ना हमेशा अच्छी खबर रहती है, लेकिन यह टैक्स को भी बढ़ा देता है। वित्तीय वर्ष के शुरुआत के साथ कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को अपने CTC में बदलाव कर सैलरी रीस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन देती हैं। सैलरी स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव कर आप टैक्स में बचत कर सकते हैं। अगर आपकी कंपनी भी आपको ऐसा कुछ ऑप्शन दे रही है तो आपको निश्चत तौर पर इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। सैलरी स्ट्रक्चर में थोड़ा-बहुत बदलाव कर आप टैक्स में अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि ये ऑप्शन आपको सिर्फ अप्रैल महीने यानी कि वित्तीय वर्ष के शुरुआत में ही मिलता है। हम ऐसे ही 8 कंपोनेंट के बारे में आपको बता रहे हैं, जिसमें बदलाव कर आप टैक्स सेविंग कर सकते हैं। टैक्स को ऑर्टिमाइज करने के लिए अपने इनकम और निवेश को रीस्टॅक्टचर करने की जरूरत है, ताकि सभी आपको सभी टैक्स कटौती और छूट की अधिकतम सीमा का लाभ मिल सकें।
सैलरी को रीस्ट्रक्चर कर बचाएं टैक्स
कई प्राइवेट कंपनियों अपने कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में सीटीसी में बदलाव करने की अनुमति देती है। आप अपने टेलीफोन बिल, इंटरनेट बिल, फ्यूल और ट्रैवल खर्च, फूड कूपन, न्यूजपेपर बिलों का रीइंबर्समेंट, ड्राइवर की सैलरी, पेट्रोल, इंश्योरेंस और रखरखाब जैसे विकल्प आपको टैक्स बचाने में मदद करेंगे।1. फ्यूल और ट्रैवल रीइंबर्समेंट: अगर आप दफ्तर के लिए टैक्सी से आते हैं तो आपका पूरा अमाउंट रीइंबर्स हो जाता है। अगर आप अपनी कार या कंपनी की ओर से दी गई गाड़ी का इस्तेमाल ऑफिस के कामों के लिए करते हैं तो भी आप फ्यूज और मेंटिनेंस अमाउंट के लिए रीइंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं। फ्यूज रीइंबर्समेंट की मदद से आप हर महीने 4 हजार और सालाना 48000 रुपये के खर्च पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं। यानी आप सैलरी स्लिप में थोड़ा बदलाव कर 14976 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं।
2. ड्राइवर सैलरी : अधिकांश कंपनियां अपने सीनियर एग्जीक्यूटिव्स को ड्राइवर का ऑप्शन देती हैं। ड्राइवर को दी जाने वाली सैलरी पर मामूली टैक्स 900 रुपये प्रति महीना लगता है, लेकिन ये आपके टैक्स सेविंग में बड़ा रोल प्ले कर सकता है। ड्राइवर सैलरी की मदद से आप 10 हजार मंथली और सालाना 1 लाख 20 हजार रुपये का खर्च दिखाकर 37440 रुपये टैक्स की सेविंग कर सकते हैं।
3. लीव ट्रैवल असिसटेंस : अपने सीटीसी में इस बड़े टैक्स सेवर लीव ट्रैवल असिसटेंस को चुनने में समझदारी दिखाकर आप टैक्स बचा सकते हैं। सीटीसी के हिस्से के रूप में आपके परिवार का यात्रा किराया टैक्स छूट के लिए पात्र है। इसका लाभ लेने के लिए आपको एलटीए को साल की शुरुआत में सीटीसी का हिस्सा बना लेना चाहिए। आप साल के बीच में इसका विकल्प नहीं चुन सकते हैं या आईटीआर दाखिल करते समय इसका दावा नहीं कर सकते हैं। LTA की मदद से आप मंथली 5000 और सालाना 60000 रुपये का खर्च दिखाकर 18720 रुपये की टैक्स सेविंग कर सकते हैं।
5. इंटरनेट और फोन बिल : कोविड के दौरान फोन और इंटरनेट बिल रीइंबर्समेंट का ऑप्शन भी खूब चर्चा में आया। वर्क फ्रॉम होम में कंपनी प्रिंटिंग और स्टेशनरी जैसे कुछ खर्चों को भी रीइंबर्स करती है। आपको इन खर्चों पर टैक्स देने की जरूरत नहीं है। हालांकि कॉरपोरेट पॉलिसी के अनुसार, आपको इन रीइंबर्समेंट क्लेम करने के लिए कंपनी को जरूरी ओरिजनल बिल देने होंगे। इस तरह से आप आप 5616 रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं।
6. न्यूजपेपर और मैगजीन: फोन और इंटरनेट की तरह ही न्यूजपेपर और मैगजीन जैसे खर्च भी टैक्स फ्री होते हैं। यहां भी आपको ओरिजनल बिल जमा करना होगा। इस तरह से आप सालाना 12000 रुपये के खर्च पर 3744 रुपये ता टैक्स बचा सकते हैं।
8. NPS कंट्रीब्यूशन: कंपनियों की ओऱ से अपने कर्मचारियों को दिया जाने वाला यह लाभ एक बिना पॉलिश किए हीरे की तरह है। सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत एनपीएस में रखे गए मूल वेतन का 10 फीसदी तक टैक्स फ्री होता है। लेकिन फिर भी केवल 10 फीसदी कर्मचारी ही इसका लाभ उठाते हैं। भले ही यह टैक्स को काफी कम कर सकता है. लागत के मामले में एनपीएस म्युचुअल फंड से बेहतर है और रिटर्न के मामले में दूसरे रिटायरमेंट प्लान्स जैसे भविष्य निधि, पीपीएफ आदि से बेहतर है। ये एनपीएस आंशिक निकासी की अनुमति देता है। एनपीएस में सालाना 96000 रुपये तक निवेश कर 29952 रुपये टैक्स सेविंग कर सकते हैं। यह उन कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद जो हाई इनकम वाले हैं।