संविदा के दलदल से हमें निकालो मामाजी।
बहुत हुआ है शोषण अब हमें बचालो मामाजी।।
ये गाना सुनने में जितना अनोखा है, उतना ही अनोखा है गाने का कारण। दरअसल, मध्यप्रदेश के राजगढ़ में संविदा स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इसी दौरान एक कर्मी ने अपनी बात सीएम तक पहुंचाने के लिए गाने का सहारा लिया। जिसमें वह कह रहा है कि हमें संविदा जैसे दलदल से बाहर निकालिए, हमारा बहुत शोषण हुआ, अब हमें बचा लो मामा जी। कर्मी अनोखे अंदाज में सीएम शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाते हुए उन्हें अपना दर्द सुना रहा है।
राजगढ़ के खिलचीपुर में जिले के 579 संविदाकर्मी अपना काम बंद करके 2 दिनों से हड़ताल पर बैठ हुए हैं। संविदाकर्मी अपने 2 सूत्रीय मांगों के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। खिलचीपुर नाके पर संविदा स्वास्थ्यकर्मी टेंट लगाकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान वहां मौजूद संविदाकर्मी RBSK डॉक्टर आजम खान (40) ने मंच से एक गाना गया। इस गाने में वे शिवराज सिंह चौहान को अपना दर्द सुनाते हुए, मदद की गुहार लगा रहे हैं।
खान ने गाना गाते हुए कहा-
संविदा के दलदल से हमें बाहर निकालो मामाजी।
बहुत हुआ है.शोषण अब हमें बचालो मामाजी।।
मैं संविदाकर्मी हूं और शोषण मेरा होता है।
ऐसी हालत देखकर अब तो दिल भी मेरा रोता है।।
तनख्वाह इतनी कम मिलती न घर का गुजारा होता है।
महंगाई से हम भी परेशान, खर्चा पूरा न होता है।।
इनसे पीछा छूटे हमारा, नियमित कर दो मामाजी।
बहुत हुआ है शोषण, अब तो हमें बचालो मामाजी।।
संविदा के दलदल से हमें बाहर निकालो मामाजी।
बहुत हुआ है शोषण अब तो हमें बचालो मामाजी।।
इस दौरान जिसने वहां मौजूद सभी लोग तालियां बजाते हुए खान के इस तरीके को सराहने लगे। खान जब गाना गा रहे थे, तो उस समय वहां से गुजरने वाले लोग भी ठहर गए और गाना सुनने लगे।
20 सालों से साहित्य में रुचि
आजम खान ने दैनिक भास्कर को बताया कि मैं सारंगपुर के वार्ड नंबर 10 मे रहता हूं। पिछले 1 साल से राजगढ़ जिला अस्पताल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में आयुष डॉक्टर के पद पर पदस्थ हूं। पिछले 20 सालों से मुझे साहित्य में रुचि है। 2 दशकों से गीत, गजलें, कविताएं लिखने और पढ़ने का शौक है। जब मैं अपने साथियों के साथ धरने पर बैठा तब मुझे लगा क्यों ने गीत गाकर मैं सरकार तक अपनी बात पहुंचाऊ। इसलिए मैंने हम संविदाकर्मियों के दर्द को गाने में पिरोया और मंच से उन्हें साझा करते हुए सीएम तक पहुंचाने की कोशिश की।
गांव-गांव जाकर बच्चों का करते हैं इलाज
डॉ. खान ने भोपाल के गवर्मेंट कालेज से BUNS किया है। वह जिला अस्पताल में आयूष डाक्टर के पद पर हैं। जिसके तहत वह गांव-गांव जाकर आंगनवाड़ियों और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण करते है। इस दौरान अगर कोई बच्चा गंभीर बीमारियों से ग्रसित है, जैसे दिल में छेद, बचपन से सुनाई न देना, बच्चे के पैर तिरछे होना आदी के इलाज करते हैं।