बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए अपनी ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट कंपनी रजिस्ट्रार (RoC) को सौंप दी है। परिचालन राजस्व 5014 करोड़ रुपये बताया गया, जिसमें घाटा 8,245 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। नियामक फाइलिंग के अनुसार, बायजू का कुल राजस्व लगभग 5,300 करोड़ रुपये था।
बायजू ब्रांड के तहत परिचालन करने शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में उसका परिचालन घाटा बढ़कर 6,679 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बताया कि उसकी दो अनुषंगी इकाइयों व्हाइट हैट जूनियर और ओस्मो में हुए नुकसान के चलते उसका परिचालन घाटा बढ़ा।
थिंक एंड लर्न ने शेयर बाजार को बताया कि उसका परिचालन घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में 4,143 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2020-21 में उसकी आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 5,298.43 करोड़ रुपये हो गई, जो 2020-21 में 2,428.39 करोड़ रुपये थी।
बायजू ने कहा कि कमतर प्रदर्शन करने वाली इकाइयों में मुख्य रूप से व्हाइट हैट जूनियर और ओस्मो रहे। इनसे लगभग 3,800 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो कुल घाटे का 45 प्रतिशत है। कंपनी ने बताया कि बायजू की अन्य अनुषंगी इकाइयों आकाश और ग्रेट लर्निंग का कारोबार क्रमशः 40 प्रतिशत और 77 प्रतिशत की दर से बढ़ा।
मेडी असिस्ट का शेयर पहले दिन 11 प्रतिशत उछाल के साथ बंद
मेडी असिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज का शेयर मंगलवार को कारोबार के पहले दिन निर्गम मूल्य 418 रुपये से 11 प्रतिशत उछाल के साथ बंद हुआ। बीएसई पर शेयर निर्गम मूल्य से 11.24 प्रतिशत चढ़कर 465 रुपये पर सूचीबद्ध हुआ। बाद में कंपनी का शेयर 509.60 रुपये के ऊपरी स्तर पर पहुंचा, और कारोबार के अंत में 11.06 प्रतिशत बढ़कर 464.25 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
एनएसई पर कंपनी के शेयर ने 10.05 प्रतिशत की बढ़त के साथ 460 रुपये पर कारोबार शुरू किया। बाद में शेयर 10.47 प्रतिशत बढ़कर 461.95 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। मेडी असिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को 16.25 गुना अभिदान मिला था।
कंपनी का 1,171.57 करोड़ रुपये का आईपीओ पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित था। इसके लिए मूल्य दायरा 397-418 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। मेडी असिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज ने इससे पहले एंकर निवेशकों से 351.5 करोड़ रुपये जुटाए थे।
आईपीओ के तहत शेयर बिक्री करने वाले प्रवर्तकों में कंपनी के चेयरमैन विक्रम जीत सिंह चटवाल, मेडिमैटर हेल्थ मैनेजमेंट, बेसेमर हेल्थ कैपिटल और इन्वेस्टकॉर्प प्राइवेट इक्विटी फंड शामिल थे। मेडी असिस्ट के अंतर्गत 31 राज्यों के 1,069 शहरों में करीब 18,000 अस्पताल आते हैं। इसकी 35 बीमाकर्ताओं के साथ साझेदारी है।