देहरादून। वीवीआईपी राजभवन मार्ग पर हाथीबड़कला में सेंट्रियो माल के बाहर मंगलवार देर रात गलत ढंग से खड़े कैंटर (ट्रक) ने कार सवार थल सेना के कैप्टन की जान ले ली, जबकि कार में बैठे वायुसेना के एक फ्लाइंग आफिसर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दुर्घटनास्थल से महज आधा किलोमीटर पर ही मुख्यमंत्री आवास और राजभवन है। दुर्घटना इतनी भीषण थी कि कार कैंटर के नीचे घुस गई।
बुरी तरह घायल कैप्टन और वायुसेना अधिकारी दुर्घटनाग्रस्त कार में फंसे हुए थे, लेकिन आरोपित चालक ने कैंटर को बैक कर कार को धकेल दिया और वाहन समेत फरार हो गया। कैप्टन मूलरूप से उप्र के सिद्धार्थनगर जिले में पड़रिया गांव के रहने वाले थे।
दोस्त के घूमने जाना बन गया काल
डालनवाला कोतवाली पुलिस के मुताबिक, सेक्टर-चार मकान नंबर-79, गोमती नगर लखनऊ निवासी सृजन पांडे (27) थल सेना में कैप्टन थे। वह दून में 201 इंजीनियर रेजीमेंट क्लेमेनटाउन में तैनात थे। मंगलवार शाम वह अपने देहरादून के देहराखास निवासी दोस्त व वायुसेना के फ्लाइंग ऑफिसर सिद्धार्थ मेनन के साथ सेंट्रियो मॉल में घूमने गए थे। रात में माल से निकलने के बाद वह लांग ड्राइव के लिए राजभवन मार्ग की ओर निकल गए।
कैप्टन सृजन पांडे की हुई मौत
करीब साढ़े 12 बजे वह वापस लौट रहे थे, तभी उनकी कार सेंट्रियो मॉल के बाहर बेतरतीब ढंग से खड़े कैंटर से जा टकराई। कार कैप्टन सृजन पांडे चला रहे थे, जबकि सिद्धार्थ उनके बगल में बैठे थे। दुर्घटना में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस दोनों घायलों को मैक्स अस्पताल लेकर पहुंची, जहां सृजन पांडे को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि घायल सिद्धार्थ की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है। आरोपित कैंटर चालक पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश की जा रही है।
कैंटर में लोड था केएफसी का सामान
जांच के बाद पुलिस ने बताया कि कैंटर चालक दिल्ली से सामान लेकर देहरादून पहुंचा था। यह सामान सेंट्रियो स्थित केएफसी आउटलेट में सप्लाई किया जाना था। चालक कैंटर को माल के गेट के अंदर ले जाना चाहता था, लेकिन वहां जगह नहीं होने के कारण उसने कैंटर गेट के बाहर बेतरतीब ढंग से खड़ा कर दिया। कैंटर सड़क पर बीचोंबीच तिरछा खड़ा था। यही वजह रही कि कैप्टन की कार कैंटर के पिछले हिस्से से जा टकराई।
साढ़े तीन वर्ष पहले ज्वाइन की नौकरी
सृजन पांडे साढ़े तीन वर्ष पहले ही बतौर कैप्टन सेना में शामिल हुए थे। वह अविवाहित थे। लखनऊ में उनके माता-पिता रहते हैं। सेना की ओर से उनका शव लखनऊ स्थित आवास भेजा गया है।