केंद्रीय जांच ब्यूरो ने की टीम ने उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के एक अधिकारी के साथ-साथ एक निजी कंपनी के कुछ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने असम, त्रिपुरा, मणिपुर और दिल्ली में 16 जगहों पर छापे मार कर ये कार्रवाई की है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने रिश्वतखोरी के आरोप में उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के तत्कालीन डिप्टी इंजीनियर और एक प्राइवेट कंपनी सहित आठ आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
जानकारी के मुताबिक असम, त्रिपुरा, मणिपुर और दिल्ली की 16 जगहों पर तलाशी अभियान अब भी जारी है. सीबीआई को इन ठिकानों से कई अहम दस्तावेज मिले हैं. ये दस्तावेज रिश्वरखोरी से मामले से जुड़े हैं. दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने अवैध तौर पर अपनी-अपनी संपत्तियों में निवेश कर लिया था.
जानें क्या है पूरा मामला?
पूरे मामले की पड़ताल में बड़े खुलासे हो रहे हैं. केंद्रीय जांच ब्यूरो की जांच में पता चला है कि आरोपी रेलवे अधिकारियों ने अपने-अपने बिलों के भुगतान में गड़बड़ी की है. गिफ्ट स्वरूप आरोपी निजी कंपनी से अपने रिश्तेदारों/दोस्तों/अपने परिचित व्यक्तियों के बैंक खातों में अवैध तौर पर पैसे ट्रांसफर करवाये. और अनुचित तौर पर लाभ हासिल किया.
रिश्वतखोरी में कौन कौन आरोपी?
रिश्वतखोरी का ये मामला सबसे पहले तत्कालीन डिप्टी इंजीनियर के खिलाफ दर्ज किया गया था. धीरे-धीरे इस मामले में खुलासे होते गये और मुख्य अभियंता (निर्माण), तत्कालीन दो सहायक कार्यकारी अभियंता (निर्माण), तत्कालीन वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (निर्माण), तीन तत्कालीन वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (पी.वे/सीओएन) और गुवाहाटी स्थित एक निजी कंपनी का नाम इसमें शामिल हो गया.
सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.