शिमला। पूरे देश व प्रदेश में भैयादूज पर्व इस बार 15 नवंबर यानी बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की पूजा करती हैं। वहीं भाई भी बदले में बहन को उपहार देता है। शिमला शहर में भी भैयादूज पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के घर जाती हैं।
अधिकतर देखा गया है कि भैयादूज पर्व का मुहूर्त पूरे दिन का होता है। इस वर्ष ऐसा नहीं है। इस वर्ष भैयादूज मनाने का शुभ मुहूर्त बुधवार को है, वह भी सुबह से लेकर दोपहर पौने दो बजे तक है। इससे पहले सभी बहनों को भाइयों की पूजा करनी होगी। हालांकि इस बार भैयादूज मंगलवार दोपहर ढाई बजे से मानी जा रही है।
ये चीजें कर सकते हैं दान
मंगलवार को पूरे दिन इसका कोई शुभ मुहूर्त न होने के कारण भैयादूज का शुभ मुहूर्त बुधवार दोपहर पौने दो बजे के बाद है। मंगलवार को मुहूर्त शुरू होने के बाद कोई भी बहन पूजा नहीं कर सकती है, लेकिन इस दिन सभी कोई न कोई दान जरूर कर सकते हैं। इसमें मिष्ठान, दक्षणा, आभूषण व बर्तन का दान कर सकते हैं।
शुभ मुहूर्त बुधवार दोपहर पौने दो बजे तक
शिमला के मिडिल बाजार के शिव मंदिर के पंडित प्रयागराज का कहना है कि इस वर्ष भैयादूज का सबसे शुभ मुहूर्त बुधवार दोपहर पौने दो बजे तक ही है। इसी समय में सभी बहनें अपने भाइयों की पूजा कर सकती हैं। यह पर्व भाई-बहन के स्नेह का है।
भाई दूज मनाने की ये है पौराणिक कथा
भाई दूज त्योहार से संबंधित पौराणिक कथा में कहा गया है कि इस दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमी से मिलने गए थे, जिन्होंने फूलों से स्वागत किया। इसके बाद उनके माथे पर तिलक लगाया। इसके बाद यमराज ने यमी को एक उपहार दिया जो स्नेह को दर्शाता है।