नई दिल्ली: ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग तेज होती जा रही है। सरकार पर दवाब बनाने के लिए सरकारी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि उसकी ऐसी कोई योजना नहीं है। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने यह बात कही। सरकार ने कहा कि एक जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त किए गए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है। पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था। इसके बाद नेशनल पेंशन स्कीम लागू की गई थी जो एक अप्रैल, 2004 से प्रभावी है।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त किए गए कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को समय-समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग को लेकर अनुरोध मिलता रहा है। नेशनल पेंशन सिस्टम को 22 दिसंबर 2003 को नोटिफिकेशन जारी कर लागू किया गया था। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
ओपीएस वर्सेज एनपीएस
चौधरी ने कहा फाइनेंस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी एनपीएस के मौजूदा फ्रेमवर्क और ढांचे का अध्ययन कर रही है। वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने ओल्ड पेंशन सिस्टम को बहाल किया है। पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है जबकि एनपीएस में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है। इसी तरह ओल्ड पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती जबकि एनपीएस में कर्मचारी के वेतन से कटौती होती है।