नई दिल्ली: भारत में कोरोना के केस भी एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। एक समय जहां रोजाना कोविड के 200 से नीचे रिपोर्ट किए जा रहे थे वहीं अब 400 से ऊपर मामले सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने देश के कुछ राज्यों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ने पर भी चिंता जाहिर की है। केंद्रीय स्वास्थय सचिव राजेश भूषण ने इस बाबत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है जिसमें कोरोना के बढ़ते केस पर कड़ाई से नजर रखने को कहा गया है। पिछले 11 दिनों की बात करें तो देश में रोजाना कोविड के 200 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 के मरीज भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली सहित पूरे देश में H3N2 के मामले देखे जा रहे हैं। केंद्र ने राज्यों से दवाओं और मेडिकल ऑक्सिजन की उपलब्धता, कोविड-19 और इंफ्लुएंजा के खिलाफ टीकाकरण जैसी अस्पताल की तैयारियों का जायजा लेने का भी अनुरोध किया गया है।
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में क्या है
देश में एक बार फिर पैर पसार रहे कोरोना पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। पत्र में ऐसे मरीजों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है जिन्हें सांस संबंधी दिक्कतें या इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण हैं। राजेश भूषण ने पत्र में लिखा कि भारत में कुछ महीनों से कोरोना के मामलों में काफी कमी देखी जा रही थी लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं और इनपर ध्यान देने की जरूरत है। स्वास्थ्य सचिव ने आगे बताया कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम और कोविड-19 वैक्सीनेशन की कवरेज में वृद्धि हुई है। लेकिन इसके बाद भी हमें टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेशन और कोविड प्रोटेकॉल शामिल है।
देश में जहां कुछ महीनों से कोराना के मामलों में काफी कमी देखी जा रही थी वहीं अब इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां एक समय रोज 200 से नीचे मामले सामने आए थे वहीं अब 400 से ऊपर केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। एक दिन पहले ही देश में 440 केस दर्ज किए गए हैं वहीं 3 व्यक्तियों की मौत की भी खबर है। ये मौतें केरल, कर्नाटक और राजस्थान में हुई हैं। वहीं गुरुवार को 379 मामले सामने आए थे।
भले ही कोविड के दौरान इसके वायरस में म्यूटेशन यानी मूल स्वरूप में बदलाव की बात आम लोगों तक पहली बार पहुंची, लेकिन हकीकत यह है कि कोविड से पहले से ही इन्फ्लूएंजा वायरस में बदलाव होता रहा है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि सबसे ज्यादा इन्फ्लूएंजा वायरस में ही बदलाव होता है। इसलिए बाजार में उपलब्ध इन्फ्लूएंजा वैक्सीन में भी हर साल बदलाव करना जरूरी हो जाता है। इस बार इन्फ्लूएंजा वायरस में जो बदलाव हुआ है, उसे H3N2 के रूप में पहचान दी गई है, जो पहले की तुलना में ना केवल तेजी से फैल रहा है, बल्कि ज्यादा गंभीर व लंबी बीमारी कर रहा है और कुछ मामले में जानलेवा भी साबित हो रहा है। दिल्ली सहित पूरे देश में H3N2 के मामले देखे जा रहे हैं।
म्यूटेशन और पल्यूशन के चलते बढ़ा इन्फ्लुएंजा वायरस
एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि यह इन्फ्लूएंजा का सब-वेरिएंट है। पहले जो H1N1 होता था। उसमें बदलाव हो गया है और अब यह H3N2 है। चूंकि पहली बार पूरे देश में सर्विलांस की जा रही है, जिसकी वजह से इसका पता चला है। वहीं, बीएलके हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट डॉ. संदीप नय्यर ने कहा कि जो लोग कोविड के सीवियर मरीज रहे हैं और उनका लंग्स अभी तक पूरी तरह से रिकवर नहीं हुआ है, उनमें इसका संक्रमण होने पर यह ज्यादा सीवियर हो रहा है। दूसरी बड़ी वजह है कि इस वायरस में बड़ा म्यूटेशन हुआ है। तीसरी वजह पल्यूशन है।