फरवरी में गर्मी फिर मार्च में बारिश और अब अप्रैल में दोनों का मिक्सचर… जी हां, मौसम गजब फिरकी ले रहा है। एक तरफ यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे हिस्से लू के थपेड़ों से जूझ रहे हैं। वहीं, दिल्ली-NCR समेत उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक में आंधी और बारिश आने वाली है। मौसम विभाग ने अप्रैल के तीसरे हफ्ते का पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि पूर्वी भारत में चार दिन तक लू चलेगी। बिहार, आंध्र प्रदेश और बंगाल में भीषण गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। गर्म हवाओं का असर ओडिशा, झारखंड, यूपी और पूर्वोत्तर के राज्यों तक देखने को मिलेगा। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने बढ़ती गर्मी को देखते हुए राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं।
आंधी और गर्म हवा के थपेड़ों ने किया परेशान
पश्चिम बंगाल में हफ्ते भर से लू चल रही है। तटीय आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब-हरियाणा भी गर्म हवा के थपेड़ों से परेशान हैं। मध्य-पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों का तापमान 40-44 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर में भी कई जगह अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। तस्वीर यूपी के प्रयागराज में मंगलवार को आई आंधी की है।
यहां आंधी-बारिश के बन रहे आसार
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिन में पश्चिमोत्तर भारत को भयंकर गर्मी से राहत मिलेगी। कुछ जगह बारिश और ओले गिरने का भी अनुमान है। IMD ने कहा कि 21 अप्रैल तक दिल्ली, यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में आंधी, बारिश और बिजली गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। बुधवार को जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के आसार हैं। कुछ जगहों पर ओले भी गिरेंगे। वहीं, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश का अनुमान है।
दिल्ली में मौसम कैसा रहेगा
IMD के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली में बारिश होगी। गरज के साथ बारिश गुरुवार तक जारी रहेगी। इस दौरान न्यूनतम तापमान 21 तक गिर जाएगा। अधिकतम तापमान भी घटकर 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। उसके बाद 21 अप्रैल को बादल छाए रहने और बूंदाबांदी का फोरकास्ट है। फिर आसमान साफ होने लगेगा।
केंद्र ने राज्यों को किया अलर्ट
लेबर मिनिस्ट्री ने राज्यों से कहा है कि गर्मी को देखते हुए वर्कर्स को सहूलियतें दी जाएं। काम के घंटों में बदलाव हो। कामगारों को लू से बचाने के लिए इंतजाम हो। कोई बीमार हो तो उसे धीमी गति से काम करने दें। कंस्ट्रक्शन सेक्टर में वर्कर्स का खास ध्यान रखा जाए।