सिवान। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नजदीक आता देख छठ व्रती व उनके स्वजन चिंतित हैं। लोगों का कहना है कि जिले में अधिकांश छठ घाट देखरेख के अभाव में जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। वहीं छठ घाटों पर गंदगी, पानी की बदबू, जंगल-झाड़ उग आए हैं तो कई जगह छठ घाट जगह-जगह टूट गए हैं।
छठ घाटों पर दरारें आ गई हैं तो कई जगह छठ घाट धंस गए हैं। यदि समय रहते छठ घाटों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया गया तो छठ पर्व के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने में छठ व्रती तथा उनके स्वजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इस पर अभी न कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहा है और ना ही प्रशासन। यह समस्या लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे रही है।
इंदौली छठ घाट पर नहीं हुई साफ-सफाई
वहीं, महाराजगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या 10 स्थित इंदौली छठ घाट की अभी तक साफ- सफाई शुरू नहीं की गई है। इससे छठ व्रतियों को परेशानी हो सकती है। इस तालाब के चोरों तरफ जंगल-झाड़ उग आए हैं तथा गंदगी का अंबार लगा है।
वहीं, जिस पानी से भगवान सूर्य को अर्घ्य देना है वह काफी दूषित हो गया है तथा उससे बदबू निकल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छठ व्रत में अब कुछ दिन ही शेष रह गए हैं।
इसको लेकर नगर पंचायत अभी भी मौन है। इस घाट पर पूरे गांव के छठव्रती पूजा करते हैं। वार्ड पार्षद अर्चना सिंह का कहना है कि तालाब के चारों तरफ साफ-सफाई कर छठ घाट की रंग रोगन शीघ्र शुरू किया जाएगा। छठ व्रतियों को कोई परेशानी न हो इसका विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कचनार छठ घाट जर्जर, व्रतियों को होगी परेशानी
सिसवन प्रखंड के कचनार गांव के उत्तर टोला स्थित छठ घाट वर्षों से जर्जर है। इस पर जगह-जगह घास उग आए हैं। साथ ही कई जगहों सीढ़ी टूट गई है। छठ घाट पर कई जगह गड्ढे होने से छठ व्रतियों व उनके स्वजनों को गिरने का डर बना रहता है।
घाट इतना खतरनाक है कि व्रतियों के साथ दुर्घटना भी हो सकती है। ग्रामीणों द्वारा छठ घाट की मरम्मत के लिए कई बार जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की गई, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
छात्र नवयुवक नाट्य कला छठ पूजा समिति की ओर से हर साल व्रतियों की सुविधा के लिए टेंट, प्रकाश, साफ-सफाई, रंग-रोगन आदि की व्यवस्था की जाती है, लेकिन छठ घाट के जर्जर रहने पर सब फीका सा लगता है।
छठ पूजा समिति के हरिशंकर भगत, हरेंद्र ठाकुर, राधेश्याम प्रसाद, विमलेश उपाध्याय ने बताया कि छठ घाट काफी जर्जर है। चंदे की राशि से इसकी मरम्मत करना मुश्किल है।
अगर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि चाहे तो छठ घाट की मरम्मत कर उसे समतल करके अनुष्ठान के लायक बना सकते हैं, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है। इस संबंध में बीडीओ सूरज कुमार सिंह ने बताया कि स्थल निरीक्षण करने के बाद कुछ कह सकते हैं।