मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय पत्रकारिता के पुरोधा श्रद्धेय गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्य-तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।
श्रद्धेय गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को इलाहाबाद में हुआ था। वे निडर-निष्पक्ष पत्रकार, समाज-सेवी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उनका नाम अजर-अमर है।
विद्यार्थी जी ने अपनी लेखनी की ताकत से भारत में अंग्रेज़ी शासन की नींद उड़ा दी। उन्होंने अपनी कलम और वाणी से अहिंसावादी विचारों और क्रांतिकारियों को समान रूप से समर्थन और सहयोग दिया। अपने छोटे जीवन-काल में उन्होंने क्रूर व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाई। वे ‘कर्मयोगी’ और ‘स्वराज्य’ जैसे क्रांतिकारी समाचार-पत्रों से जुड़े और इनमें अपने लेख भी लिखे। वे “प्रताप” के संपादक रहे। अपनी क्रांतिकारी पत्रिकारिता के कारण उन्हें बहुत कष्ट झेलने पड़े। सरकार ने उन पर कई मुक़दमे किये, भारी जुर्माना लगाया और कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। उनका निधन 25 मार्च 1931 को कानपुर में हुआ।