मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीरांगना अवंति बाई लोधी की पुण्य-तिथि पर नमन कर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उनके योगदान का स्मरण भी किया।
रानी अवंतिबाई लोधी वर्ष 1857 की क्रांति में सक्रिय रही और रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार बनी। उन्होंने अंग्रेजों से निरंतर संघर्ष किया। उनके साहस के आगे अंग्रेजों को झुकना पड़ा, जिससे मंडला और रामगढ़ राज्य स्वतंत्र हो गया। अंग्रेजों ने नागपुर से रामगढ़ की ओर सेनाएँ भेजी। अंग्रेजों की सेना के मुकाबले रानी अवंतिबाई की सेना काफी छोटी थी। अंग्रेज सेना ने मोर्चे पर डटी रानी अवंतिबाई को चारों ओर से घेर लिया। विवश रानी ने सीने में कटार भोंक कर जीवन त्याग दिया। उन्होंने अंग्रेंजों के हाथों से मरने की जगह सम्मानजनक विकल्प चुना। रानी अवंतिबाई ने अपनी प्रजा की रक्षा के लिए बलिदान कर स्वतंत्रता प्राप्ति की ज्वाला को प्रज्ज्वलित करने का कार्य किया। केन्द्र सरकार ने 20 मार्च 1988 को वीरांगना रानी अवंतिबाई की स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया।