प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के बच्चे अब किसी से कम नहीं है। प्रदेश की विद्यालयीन शिक्षा में रटने की प्रवृत्ति से हट कर सीखने की क्षमता की गति में अद्भुत परिवर्तन आया है। यह बात स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने आज महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल में हुई "वर्ड पावर चेंपियनशिप" की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के समापन अवसर पर कही। राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा है कि शिक्षक बच्चों को अपने बच्चों की भांति समझ कर समरसता पूर्ण भाव से शिक्षा देंगे तो निश्चित तौर पर प्रदेश की विद्यालयीन शिक्षा का परिदृश्य बदलेगा और हमारा प्रदेश, देश में अन्य राज्यों से अग्रणी होगा। श्री परमार ने कहा कि प्रदेश में विद्यालयीन शिक्षा में गुणवत्ता को बेहतर करने की दृष्टि से इस सत्र से शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 5वीं एवं कक्षा 8वीं की परीक्षाएँ बोर्ड पैटर्न पर की गई हैं। इसका सकारात्मक प्रतिफल आने वाले समय में कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में देखने को मिलेगा। श्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किए जा रहे हैं। विद्यालयों में बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति लेने के भी व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। शिक्षकों का दायित्व है कि वह श्रेष्ठ नागरिक निर्माण करने के भाव से शिक्षा देने के संकल्प और परिश्रम के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में अपनी भूमिका का निर्वाहन करें।
"वर्ड पावर चेंपियनशिप" की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता राज्य शिक्षा केंद्र मप्र और सहयोगी संस्था लीप फॉर वर्ड के द्वारा की गई। इसमें प्रदेश के शासकीय विद्यालयों के कक्षा 2 से कक्षा 6वीं तक के बच्चों ने प्रतिभागिता की। प्रतियोगिता में कक्षा 2, 3, 4, 5 एवं 6 के प्रथम पुरस्कार विजेता बच्चों को मुंबई में 28 अप्रैल को होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा। राज्य मंत्री श्री परमार ने कार्यक्रम में शामिल होकर बच्चों का उत्साहवर्धन कर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया।
"वर्ड पावर चेंपियनशिप" की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में कक्षा-2 से गुना के नमन लोधी, कक्षा-3 से टीकमगढ़ के लोकेंद्र सिंह चौधरी, कक्षा-4 में छतरपुर की कशिश लटोरिया, कक्षा 5वीं में विदिशा के प्रणीत विश्वकर्मा एवं कक्षा 6वीं में जबलपुर की पूर्वा बाजपेयी ने प्रथम स्थान अर्जित किया है। प्रथम विजेता बच्चों को पुरुस्कार स्वरूप चेंपियन ट्रॉफी, सर्टिफिकेट, रॉब गाउन, साइकिल, टेबलेट, स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स एवं वॉटर बॉटल दी गई। साथ ही प्रथम विजेता बच्चों के शिक्षक के लिए मेटल फ्लैक्स एवं उसके विद्यालय के लिए टॉवर स्पीकर भी पुरस्कार स्वरूप दिया गया। सभी कक्षाओं के प्रतिभागी द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को भी पुरस्कार स्वरूप साइकिल, स्कूल बैग, टिफिन बॉक्स एवं वॉटर बॉटल दी गईं।
संचालक राज्य शिक्षा केंद्र श्री धनराजू एस ने बताया कि यह प्रदेश में पहली बार हुआ है कि शासकीय विद्यालयों के कक्षा दूसरी के विद्यार्थियों ने भी ओएमआर शीट का उपयोग कर शैक्षिक ओलम्पियाड में भाग लिया। शाला स्तर से संकुल, विकासखण्ड, जिला स्तर तक कक्षा 2 से 6 तक के करीब साढ़े 6 लाख बच्चों की सहभागिता में हर कक्षा से चुने हुए टॉप 4-4 बच्चे राज्य स्तर पर अपने ज्ञान का प्रदर्शन कर रहे हैं।
अपर मिशन संचालक श्री लोकेश जांगिड़, सहयोगी संस्था लीप फॉर वर्ड के प्रतिनिधि सहित प्रतिभागी बच्चे, शिक्षक एवं अभिभावक उपस्थित थे।