विएना: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया को चीन का असली चेहरा दिखाया है। जयशंकर ने ऑस्ट्रिया दौरे पर दिए गए एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे चीन दूसरे देशों पर आक्रामकता का प्रदर्शन करता है। उनकी मानें तो चीन वह देश है जो किसी भी समझौते को मानने में यकीन नहीं रखता है। 9 दिसंबर को चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में घुसपैठ की थी। करीब 300 चीनी सैनिक भारत की सीमा में दाखिल हो गए थे। भारतीय सैनिकों ने बड़ी बहादुरी से चीनी सेना को पीछे धकेल दिया था। यह घटना उस समय हुई थी जब पूर्वी लद्दाख में अभी तक चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव जारी है।
जयशंकर से पूछा गया था कि चीन के साथ भारत का टकराव जारी है। ऐसे में क्या उन्हें लगता है कि वह ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा कर सकता है? इस पर जयशंकर ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि बड़ी चिंता है कि हमने चीन के साथ कई समझौते किए हैं जिसके तहत वो हमारी सीमा और सीमाई इलाकों में सेना नहीं भेज सकते हैं। लेकिन उन्होंने इन समझौतों को नहीं माना और इस वजह से ही स्थिति काफी तनावपूर्ण है। हमने उनके साथ यह समझौता भी किया है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकपक्षीय कार्रवाई के तहत नहीं बदल सकते हैं जिसे उन्होंने कई बार बदलने की कोशिश की है। हमारा जो नजरिया है वह हमारे अनुभवों पर आधारित है।’ उनकी मानें तो पहले भी चीन ने इस तरह की सैन्य कार्रवाई की है जिसक कोई तर्क नहीं है।