नई दिल्ली: म्यांमार के कंधे पर बंदूक रखकर चीन भारत पर गोली चलाना चाहता है। भारत ने यह खतरा भांप लिया है। हाल के महीनो में इस मुद्दे को म्यांमार के सामने उठाया गया है। भारत ने खुफिया एजेंसियों के हवाले से बताया है कि उस पर निगरानी के लिए चीन म्यांमार को मदद मुहैया कर रहा है। बंगाल की खाड़ी में एक सुदूर द्वीप पर पोस्ट बनाने के लिए यह मदद की जा रही है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि बैठकों में म्यांमार के सत्तारूढ़ जुंटा के प्रतिनिधियों ने भरतीय चिंता को खारिज किया है। उन्होंने चीन के किसी भी तरह के इनवॉल्वमेंट को भी सिरे से नकारा है। इसके बावजूद भारत की चिंता बनी हुई है। इस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर चीन को नौसेना अड्डों से होने वाले कम्यूनिकेशन पर नजर रखने में समर्थ कर देगा। यही नहीं, चीन पूर्वी तट पर टेस्ट साइट से मिसाइलों को भी ट्रैक कर लेगा।
म्यांमार के सत्तारूढ़ स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने भारत के इन आरोपों को बेतुका बताया है कि चीन कोको द्वीप में जासूसी पोस्ट बना रहा है। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि यह विषय कभी भी चीन या भारतीय अधिकारियों की ओर से आया। उन्होंने यह भी कहा कि म्यांमार कभी भी विदेशी सेनाओं को अपने यहां एक्सेस नहीं देगा।
उन्होंने कहा, ‘म्यांमार और भारत की कई लेवल पर चर्चा होती रही हैं। लेकिन, इस मसले पर कभी कोई बात नहीं हुई।’ वह बोले कि भारत सरकार को अच्छे से पता है कि सिर्फ म्यांमार की फौजें वहां पर हैं। वे सिर्फ अपने देश के लिए रक्षा गतिविधियां कर रहे हैं।