*शिक्षा के क्षेत्र में चित्रकूट जनपद टॉप-10 जिलों में हुआ शामिल*
यूपी के बुंदेलखंड का नाम सुनते ही अक्सर दिमाग में सूखा, गरीबी और पिछड़ेपन की तस्वीर उभरती है। लेकिन अब इन तस्वीरों को मिटाकर एक नई तस्वीर उभर रही है, चित्रकूट अब सिर्फ धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान नहीं रखता, बल्कि अब ये जिला शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में नाम कमा रहा है.कभी शिक्षा से कोसों दूर रहने वाला चित्रकूट आज डिजिटल क्लासरूम, स्मार्ट स्कूल और बेहतर आधारभूत सुविधाओं के दम पर देश के टॉप-10 जिलों में शामिल हो गया है।
जानकारी के लिए बता दे कि नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में चित्रकूट को देश में आठवां स्थान मिला है, जिसे खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर बधाई दी है। यहां कुछ साल पहले तक बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन आज यहां स्मार्ट क्लास, साफ-सुथरे क्लासरूम और बच्चों की मुस्कान यह बता रही है कि बदलाव सच में हुआ है।
इस बदलाव के पीछे है, प्रदेश सरकार की नीतियां और चित्रकूट के बेसिक शिक्षा अधिकारी की मेहनत है।
वही बीएसए बी० के० शर्मा ने बताया कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के तहत व्यापक अभियान चलाया गया है।जिसमें स्कूलों को न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया, बल्कि बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ी है।इसके साथ ही हमारे जिले में इस वक्त 1262 विद्यालय संचालित हैं। हर विद्यालय में मूलभूत सुविधाएं जैसे टॉयलेट, पेयजल, बेंच-डेस्क और डिजिटल शिक्षा के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी की गई है।
वही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आकांक्षी जनपदो में टॉप – 10 में चित्रकूट जनपद का नाम आया है और यह प्रदेश नहीं देश स्तर पर जितने हमारे आकांक्षी जनपद हैं, उन सब में चित्रकूट टॉप – 10 की लिस्ट में है। वही सभी अध्यापकों को प्रेरित किया गया और अच्छा काम करने वाले अध्यापकों को शाबाशी भी दी गई और उनकी हिम्मत बढ़ाई गई और सभी अध्यापकों ने निर्णय लिया कि यदि उनके द्वारा अच्छा काम किया जाएगा तो उन्हें विभाग से एक अच्छी पहचान बनेगी इस तरह सभी अध्यापकों ने जोरदार मेहनत की और यह उपलब्धि हासिल की।वही सभी शिक्षकों द्वारा समर्पण की तरह कार्य कर रहे हैं सभी शिक्षक समय से स्कूल पहुंच रहे हैं और छुट्टी होने से पहले कोई शिक्षक स्कूल छोड़कर के नहीं जा रहे हैं जिससे सभी अध्यापकों में कम करने की और ऊर्जा बढ़ गई है और अब इससे बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं।
उनका कहना है कि आज चित्रकूट के स्कूलों में बच्चे टैबलेट और स्मार्ट टीवी की मदद से पढ़ाई कर रहे हैं, ग्रामीण इलाकों तक यह सुविधा पहुंच चुकी है, शिक्षक भी डिजिटल टेक्नोलॉजी से ट्रेनिंग लेकर बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं।इस बदलाव की गूंज केवल जिला मुख्यालय तक ही सीमित नहीं, बल्कि प्रदेश और देश स्तर तक सुनाई दे रही है। नीति आयोग की रैंकिंग में चित्रकूट को शिक्षा के क्षेत्र में जब देश में आठवां स्थान मिला, तो यह पूरे बुंदेलखंड के लिए गर्व की बात बन गई.।





