ब्यूरो चित्रकूट
चित्रकूट। जनपद चित्रकूट के पहाड़ी ब्लॉक अंतर्गत नांदी ग्राम पंचायत में 04 नवम्बर 2024 से चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन पूतना राक्षसी का वध भगवान श्री कृष्ण के द्वारा किस तरह से किया गया इसका विस्तार पूर्वक वर्णन मीठी, मृदुल भाषा में भागवताचार्य रामकिशोर दास व्रंदावन धाम के द्वारा किया गया जिसे श्रवण कर श्रोतागण भावविभोर होकर झूमने लगे। कथा व्यासजी द्वारा आगे बताया गया कि भगवान श्रीकृष्ण पूतना राक्षसी को मारकर उसके छाती पर बैठ कर रोमांस कर रहे थे। तभी वहीं उपस्थित ग्वालों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीला को देख कर माता यशोदा जी को बताया और माता यशोदा जी दौड़ती हुई आई और उनके पीछे-पीछे गांव के तमाम लोग पीछे पीछे दौड़ते हुए आ गये। भगवान श्रीकृष्ण की लीला को देख कर अचंभित हुए और सोचने लगे कि विशालकाय राक्षसी का वध एक अबोध बालक कैसे कर सकता है।इसी उहापोह में सभी लोग एक-दूसरे को ताक रहे थे। और फिर यह हुआ कि राक्षसी के ऊपर से भगवान श्रीकृष्ण को उतारा कैसे जाएं। तभी राक्षसी की विखरी जटाओं के सहारे से चढ़ कर भगवान श्रीकृष्ण को नीचे उतारा गया। और घर लाकर पंडित व पुरोहित के अनुसार भगवान श्री कृष्ण को गाय के मूत्र व गोबर से स्नान कराकर शुद्ध किया गया। क्यों कि उस समय बालक को कोई भी रोग या कुछ भी बिमारी होती थी तो गाय के मूत्र व गोबर से स्नान कराने से बिल्कुल सही हो जाती थी। आपको जानकारी के लिए बतादें की गौमाता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है।श्रीमद्भागवत कथा मानव जीवन के उद्धार के लिए अमृत है। श्रवण कर्ताओं में मुख्य यजमान दिनेश प्रसाद मिश्र (पूर्व प्रधान नांदी)और धर्म पत्नी निर्मला देवी, झब्बू महाराज , शिवकुमार , नरेंद्र, चुनबाद मिश्रा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।