आरटीओ कार्यालय में बढ़ा दलालों का कुनबा उच्च स्तरीय जाँच में होंगे विस्फोटक खुलासे
चित्रकूट- अगर आपको आरटीओ संबंधी कोई भी काम करवाना है तो परेशान होने की जरूरत नही है। बस गेट पर पहुंचिये और वहां खड़े दलालों से मिलकर अपना काम आसानी से करा लीजिये, इसके लिए आपको बस थोड़ा सुविधा शुल्क देना होगा। इसके बाद आपको चक्कर लगाने की जरूरत नही। आपका काम मिनटों में हो जाएगा।कर्वी के कुछ दूर कालूपुर बने आरटीओ कार्यालय की कहानी इन दिनों सुर्खियों में है। कार्यालय के गेट पर पहुंचते ही गेट के बाहर खड़े दलाल घेर लेंगे। अगर किसी तरह से वह आपको नही पकड़ सके तो कार्यालय के अंदर बैठे दलाल आपको फंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
ऐसे में परेशान उपभोक्ता दलालों के चुंगल में फंसकर सुविधा शुल्क देने के लिए मजबूर हो जाते हैं। सुविधा शुल्क न देने पर उन्हें आरटीओ कार्यालय के चक्कर तो काटने ही पड़ेंगे साथ ही उनका समय भी व्यर्थ जायेगा। इस बात को हम नहीं बल्कि कार्यालय में मौजूद दलालों की यह तस्वीर बोल रही है। कालूपुर रोड पर आरटीओ कार्यालय व आसपास का वातावरण बयां करता नजर आया।
आप कभी भी देखो तो आरटीओ कार्यालय के बाहर से लेकर अंदर तक दलालों का जमावड़ा लगा था, आश्चर्य की बात तो तब नजर आई, जब वहां पर कुछ दलाल ऐसे बैठे थे, जैसे स्वयं आरटीओ कार्यालय में कोई अधिकारी कर्मचारी हैं। ऐसे में जिलेभर से अपने कार्य करवाने के लिए आने वाले उपभोक्ता यह नहीं पहचान पाते हैं कि कौन विभाग का कर्मचारी है और कौन दलाल। ऐसे में कुछ लोग तो दलालों को ही आरटीओ कार्यालय अपना घर समझते हैं। गौर करने की बात यह है कि भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए शासन द्वारा आरटीओ संबंधी अधिकतर कार्य ऑनलाइन कर दिए गए हैं।जिससे लोगों से किसी भी प्रकार की अवैध कमाई न की जा सके। लेकिन जब हमारी टीम के द्वारा पड़ताल किया गया तो हालात कुछ और दिखा। वैसे तो ऑनलाइन फार्म भरने से लेकर फीस जमा कराने तक के सभी कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद भी लोगों का काम बिना दलालों के नहीं हो रहा है।
बिना दलाल के अगर कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति ऑनलाइन फार्म भरकर विभाग में अपना कार्य करवाने जाता भी है तो उसे विभिन्न प्रकार की कमियां बताकर वापस कर देते हैं। किसी तरह से फार्म भरकर टेस्ट तक पहुंचा भी तो उसे टेस्ट में रोक देते हैं। ऐसे में परेशान होकर व्यक्ति को दलाल को तलाश करता है। इस कारण से लोग वहां दलालों को सुविधा शुल्क देते हैं। कार्यालय में जैसे ही कोई व्यक्ति लाइसेंस या अन्य ट्रांसफर का कार्य लेकर आता है उसे पहले से ही मौजूद दलाल गेट पर ही पकड़ लेते है। आरटीओ कार्यालय में आए एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मुझे दो पहिया वाहन का एक ड्रायविंग लाइसेंस बनवाना था। मैं पहले यहां आया तो मुझे कई प्रकार के दस्तावेज और टेस्ट देने की बात कही। मैं आवेदन भी ऑनलाइन कराने के लिए गया। लेकिन कई दस्तावेजों की मांग आई कारण मुझे मजबूरन दलाल से ही बात करनी पड़ी, क्योंकि बार बार आने से काम धंधे का नुकसान होता है।