इस्लामाबाद: पार्टी अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पेशावर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा किए गए दंगों तथा हिंसक घटनाओं में अफगान नागरिक भी शामिल थे। सुरक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी। समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा सूत्रों ने दावा किया है कि पीटीआई नेतृत्व ने अफगान नागरिकों को बड़ी रकम देकर दंगों को अंजाम दिया। गिरफ्तारी के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने एक इकबालिया बयान जारी किया है। सूत्रों ने कहा कि तीन अफगान नागरिकों के कबूलनामे जारी कर दिए गए हैं, जबकि अन्य के साथ जांच चल रही है।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अफगान निवासियों को पीटीआई नेतृत्व द्वारा रिश्वत दी गई थी। सुरक्षा सूत्रों ने दावा किया है कि गिरफ्तार अपराधी काबुल और मजार-ए-शरीफ के रहने वाले हैं। इस बीच, थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने शनिवार को कहा था कि सशस्त्र बल अपने प्रतिष्ठानों की पवित्रता और सुरक्षा का उल्लंघन करने या तोड़फोड़ करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे, और 9 मई की बर्बरता के सभी योजनाकारों, उकसाने वालों, भड़काने वालों और निष्पादकों को न्याय के कटखरे में लाने का संकल्प लिया था।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पंजाब के अंतरिम मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने रविवार को कहा कि दंगाई 9 मई को हिंसक दंगों के दौरान मियांवाली में पाकिस्तान वायुसेना (पीएएफ) अड्डे पर विमानों को आग लगाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि मियांवाली में ज्यादातर लोग हथियारों से लैस थे। उन्होंने कहा, यह पाकिस्तान पर हमला है। नकवी ने कहा कि पीटीआई दंगाइयों ने 108 कारों और 26 इमारतों को जला दिया और सेफ सिटीज कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
इमरान पर दर्ज हुआ केस
पंजाब के आईजी और मुख्य सचिव के साथ रविवार को लाहौर में सीएम हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि जिन्ना हाउस उर्फ कोर कमांडर हाउस पर हमले में पीटीआई की महिला नेता यास्मीन राशिद प्रमुख प्लेयर थीं। उन्होंने कहा कि जिन्ना हाउस के बाहर करीब 3,400 लोग मौजूद थे, जबकि जिन्ना हाउस के अंदर करीब 400 लोग मौजूद थे। इन सबके बीच ही इमरान पर पाकिस्तान आर्मी एक्ट के सेक्शन 50, 60 के तहत केस दर्ज किया गया है।