मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी विधायकों और सांसदों के दिल्ली दौरे को लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार बाद बीजेपी को छत्तीसगढ़ की याद आई है। इस दौरे पर सवाल करते हुए कहा कि बीजेपी नेता 20 क्विंटल चावल खरीदने से रुकवाने, आर्थिक सर्वेक्षण रुकवाने या आरक्षण बिल जो राजभवन में अटका है, उसे रोकवाने जा रहे हैं। क्योंकि ये छत्तीसगढ़ के हितों को लेकर नहीं जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ का जीएसटी और रायल्टी अभी तक नहीं मिला है।
गुजरात के सूरत रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जब चुनाव नजदीक आ रहे हैं, तब वे दिल्ली जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि ईडी के डायरेक्टर ने सरकार को जो चिट्ठी लिखी है उसके आधार पर हमने जांच की शुरुआत करा दी है। नान घोटाले में ईडी में रजिस्टर्ड है। उन्होंने कहा कि सीएम सर और सीएम मैडम कौन हैं? ये कब बताएंगे? चिटफंड घोटाले में जो लोग शामिल थे, उनकी जांच करने कब जाएंगे।
सीएम ने कहा कि पहले वे अपने शासनकाल का तो जांच करा ले। मैं तो अपने खाद्य मंत्री से कहूंगा कि रमन सिंह को और पीयूष गोयल को एक पत्र लिखिए और हमने जो जांच कराई है, उसकी रिपोर्ट और विधानसभा में जो जवाब दिया गया है कि कुछ शॉर्टेज हैं और जांच चल रही है, जिसे 1 महीने के भीतर में पूरी कार्रवाई हो जाएगी और जांच किया जा रहा है, तो उस जांच की रिपोर्ट को दे देना चाहिए।
फिर कटेगा बीजेपी नेताओं का टिकट: मोहन मरकाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के सांसदों को दिल्ली बुलाया गया था और उनकी टिकट काट दी गई थी। अब विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के 14 विधायकों को दिल्ली बुलाया गया है। इससे स्पष्ट है कि रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर सहित सभी विधायकों के टिकट काटने का फरमान सुना दिया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश के नेता मोदी शाह के सामने मौनी बाबा बन जाते हैं जो भाजपा के नेता खुद के साथ हो रहे अन्याय का विरोध नहीं कर सकते। उनसे प्रदेश के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की अपेक्षा करना धोखा है।
भाजपा विधायक कभी प्रदेश के हित में अपनी पार्टी के सरकार के आगे बात नहीं रख पाए हैं चाहे धान खरीदी में नियम शर्ते लगाया गया हो या धान खरीदने में रोडे अटकाया गया, समय पर खाद नहीं दिया गया, चावल की ढुलाई के लिए रैक पर नहीं दिया गया। भाजपा के विधायक हमेशा मौन रहे जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के विधायकों को निडर होकर मोदी के सामने छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे भेदभाव का विरोध करना चाहिए। जिस प्रकार से राजभवन प्रदेश के 76 प्रतिशत आरक्षण बिल के साथ राज्य हित में पारित कई बिलों को रोककर रखे हैं उसे पारित कराने दबाव बनाना चाहिए। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के विभिन्न मदो में बकाया 55 हजार करोड़ की राशि को देने में आनाकानी कर रही है।
न्यू पेंशन स्कीम की 17000 करोड से अधिक का राशि बाकी है। बस्तर में बटालियन के पीछे खर्च हुई लगभग 11000 करोड रुपए अभी तक मिला नहीं है। कोयला रॉयल्टी के 4500 करोड़ों बाकी है। उसके अलावा केंद्रीय योजनाओं की जो अंशदान है। वह भी पूर्ण रूप से भुगतान नहीं हुआ है।