शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पेट में संक्रमण के कारण इन दिनों दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में उपचाराधीन हैं। मुख्यमंत्री का कुछ दिन तक दिल्ली में ही रहने का कार्यक्रम है, ऐसे में जरूरी फाइलें मुख्यमंत्री को ऑनलाइन भेजी जाएंगी। सरकार में ऐसी व्यवस्था की गई है कि मुख्यमंत्री को ई-आफिस पर ही फाइलें भेजी जाएंगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं लगेंगे फाइलों के ढेर
पुरानी व्यवस्था के तहत फाइलों के ढेर मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं लगेंगे। उसी व्यवस्था के तहत अति आवश्यक फाइलें ई-ऑफिस से भेजी जाएंगी ताकि एम्स में भर्ती मुख्यमंत्री अपनी सुविधानुसार फाइलों को ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान कर सके। यहां राज्य सुचिवालय में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा पूरा दिन प्रशासनिक कार्यों में व्यस्त रहे।
इन दोनों कार्यालयों में बैठकों का दौर चलता रहा। पिछले सप्ताह अंतिम दो दिन सार्वजनिक अवकाश था और उससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू शिमला में ही थे। इसलिए ई-आफिस से दो-तीन दिन बाद फाइलें मुख्यमंत्री की स्वीकृति के लिए भेजने की व्यवस्था होगी।
केवल सीएम को ही जाएगी ई-आफिस से फाइलें
सरकार के कुछ अधिकारियों ने ई-आफिस प्रणाली से बचने का रास्ता निकाल लिया है। केवल मुख्यमंत्री को जाने वाली फाइलें ही ई-प्रणाली से भेजी जाएंगी। सचिवालय में बैठने वाले आला अधिकारी पहले पुरानी चली आ रही पद्धति से फाइलों को निपटाते हैं और उसके बाद ई-आफिस पर भी कुछ फाइलों को ई-प्रणाली से स्वीकृति प्रदान करते हैं।
अधिकारी तंग आए ई-आफिस प्रणाली से
अभी ई-आफिस प्रणाली शुरू हुए तीन माह का समय हुआ है कि प्रदेश सरकार के अधिकांश आला अधिकारी इस व्यवस्था से तंग आ गए हैं और पुराने ढर्रे पर आ गए हैं। आर्म्जडेल बिल्डिंग में बैठने वाले चार अधिकारियों ने तय किया है कि मुख्यमंत्री को जाने वाली फाइलें ही ई-प्रणाली से जाएंगी, इसके अतिरिक्त अन्य तरह की विभागीय फाइलें एक कमरें से दूसरे कमरे में पहले की तरह जाएंगी।
सचिवालय में आला अधिकारियों के चपड़ासियों के हाथों में पहले की तरह दर्जनों फाइलें नजर आने लगी हैं। इन आला अधिकारियों ने कार्मिक विभाग को पुरानी फाइल रूट होने की व्यवस्था के संबंध में अवगत करवा दिया है। पिछली सरकार के समय में ई-आफिस प्रणाली शुरू करने पर आरंभिक कार्य शुरू हुआ था और इस साल अगस्त माह में व्यवस्था शुरू हो सकी।