मध्यप्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर में दौड़ने वाली मेट्रो ट्रेन के कोच (बोगियां) गुजरात में बनेंगे। फ्रांस की एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड कोच बनाएंगी। मेट्रो ट्रेन सेट की यूनिट की सोमवार को शुरुआत हुई। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यूनिट का भोपाल से वर्चुअली शुभारंभ किया। मंत्री ने कंपनी के अधिकारियों से कहा कि मेट्रो की डेटलाइन तय है। 31 अगस्त तक भोपाल में ट्रायल पूरा करना है। इससे पहले कोच भोपाल ले आएं।
मंत्री सिंह पहले बड़ोदरा जाकर यूनिट का शुभारंभ करने वाले थे, लेकिन वे नहीं जा सके। इसलिए भोपाल से ही वर्चुअली यूनिट की शुरुआत की। 31 अगस्त तक 3 कोच की एक ट्रेन भोपाल आएगी। इंदौर में भी इतने ही कोच की ट्रेन आएगी।
मेट्रो को लेकर सियासत भी तेज हुई
भोपाल-इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। मेट्रो यूनिट के शुभारंभ के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि मेट्रो का भूमिपूजन कांग्रेस ने किया था। दिसंबर-2023 या जनवरी 2024 को कांग्रेस ही मेट्रो का लोकार्पण करेगी। मेट्रो कांग्रेस की देन है। कांग्रेस सरकार में शुरू होगा मेट्रो का सफर।
भोपाल-इंदौर में पहले रूट का चल रहा काम
भोपाल में 6.22 किमी और इंदौर में 5.9 किमी लंबे मेट्रो रूट का काम चल रहा है। भोपाल में सितंबर तक मेट्रो दौड़ने और इंदौर में ट्रायल किए जाने का टारगेट है। भोपाल में पिलर और गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है। अब मेट्रो स्टेशन और पटरी बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। इंदौर में भी काम की रफ्तार तेज कर दी गई है। ताकि, विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो दिखाई देने लगे।
भोपाल के लिए 81 और इंदौर के 75 कोच का निर्माण होगा
जानकारी के अनुसार, 1400 करोड़ रु. में एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड कंपनी भोपाल के लिए 81 और इंदौर के लिए 75 बोगियां बना रही है। ये बोगियां कई मायने में खास होंगी। एक ट्रेन सेट में तीन बोगी होंगी। इसमें 970 यात्री सफर कर सकेंगे। एल्सटॉम बोगियों को ऐसे तैयार कर रही हैं, ताकि भीड़ बढ़ने पर भी यात्री आसानी से सफर कर सकें। हर कोच 2.9 मीटर चौड़ा और 22 मीटर लंबा होगा। कंपनी तो यात्रियों का जो कैलकुलेशन किया है, उस हिसाब से एक वर्ग मीटर में 8 यात्री होंगे। इनमें खड़े और बैठने वाले यात्री शामिल हैं। इस हिसाब से एक बोगी को 970 यात्रियों लायक बनाया जा रहा है।
भोपाल मेट्रो के ये काम चल रहे
एम्स से सुभाष नगर अंडरब्रिज तक आठ स्टेशन एम्स, अलकापुरी, DRM ऑफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, डीबी सिटी, एमपी नगर जोन-1, आयकर भवन और सुभाष नगर अंडरब्रिज में बन रहे हैं। कुछ स्टेशनों का काम दिखाई देने लगा है तो कुछ का काम अभी काफी बाकी है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और डीबी सिटी जैसे चहल-पहल वाले स्थानों पर फुटओवर ब्रिज (FOB) बनेंगे।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का तीसरा बड़ा काम डिपो का है, जो 323 करोड़ रुपए से सुभाषनगर अंडरब्रिज के पास स्टड फॉर्म की 26.41 हेक्टेयर (65.26 एकड़) जमीन पर बनाया जा रहा है। यहां एक साथ 4 मेट्रो ट्रेन खड़ी हो सकेंगी। यहां न केवल मेट्रो का रखरखाव होगा, बल्कि कंट्रोलिंग सिस्टम भी यहीं होगा। सिग्नलिंग, कम्युनिकेशन, पावर सप्लाई सब कुछ यहीं से होगा।
ऐसे समझे मेट्रो का काम
एम्स से सुभाषनगर का रूट बनने के बाद सुभाष नगर से करोंद के बीच यानी बाकी के 9.83 किलोमीटर मेट्रो रूट का काम होगा। इस रूट पर 39 एकड़ से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। अलग-अलग लोकेशन की लगभग 8 एकड़ जमीन पर 5 प्लाजा, 6 स्टेशन, 4 पार्किंग, 2 यार्ड बनेंगे। पुराने शहर में अतिरिक्त पार्किंग व्यवस्था पर फोकस है। पुल बोगदा के पास मेट्रो का जंक्शन बनेगा, यहां दोनों लाइनें आकर मिलेंगी। पुल बोगदा से मेट्रो अंडरग्राउंड हो जाएगी। पहला अंडरग्राउंड स्टेशन मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 की तरफ बनेगा। जहां ईरानी डेरे की जमीन ली गई है। नादरा बस स्टैंड का मेट्रो स्टेशन भी अंडरग्राउंड रहेगा।
इंदौर में मेट्रो का यह काम
इंदौर मेट्रो ट्रेन प्रायोरिटी कॉरिडोर में गांधी नगर से लेकर रेडिसन-रोबोट चौराहे तक का काम तेजी से चल रहा है। इसकी लंबाई 17.2 किलोमीटर है, जिसमें 5.9 किमी का काम पहले पूरा होगा। 11.6 किमी का काम बाद में होगा। गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर के बीच में 5 किलोमीटर रूट पर सितंबर 2023 में मेट्रो ट्रेन चलाकर ट्रायल किया जाएगा। इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने में फिलहाल अधिकारी जुटे हैं। गांधी नगर से रेडिसन स्टेशन तक कुल 17.2 किमी के 16 स्टेशन प्राथमिकता में है। गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर तक 5 किलोमीटर में सितंबर तक 6 स्टेशन का काम पूरा करने का प्लान है। फरवरी-मार्च 2024 तक सबके लिए मेट्रो ट्रेन शुरू होने की उम्मीद है।