मशहूर एक्टर पीयूष मिश्रा ने हाल ही एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि किस तरह वह कम्युनिस्टों के चंगुल में बुरी तरह फंसे और जिंदगी बर्बाद कर ली। पीयूष मिश्रा का कहना है कि कम्युनिस्टों के कारण उनकी जिंदगी के 20 साल बर्बाद हो गए। उन्होंने मां-बाप के साथ-साथ सबकुछ छोड़ दिया था। मालूम हो कि पीयूष मिश्रा खुद एक कम्युनिस्ट रहे हैं। यह तब की बात है, जब उनका एक्टिंग की दुनिया से कोई नाता नहीं था। पीयूष मिश्रा के मुताबिक, वह समझने लगे थे कि मां-बाप गंदी चीज होते हैं। ऑफ-बीट फिल्मों से पहचान बनाने वाले पीयूष मिश्रा के इस खुलासे ने हैरान कर दिया है।
‘कम्युनिस्टों ने दबोच लिया, 20 साल बर्बाद किए’
उन्होंने अपने बुरे दौर के बारे में विस्तार से बात करते हुए पीयूष मिश्रा ने कहा, ‘कॉमरेड ने ही तो मेरी ऐसी तैसी करी है। वही दौर था, जब कम्युनिस्टों ने दबोचा हुआ था मुझे। कम्युनिस्टों ने मेरी जिंदगी के 20 साल बर्बाद कर दिए। वो कहते थे कि परिवार गंदी चीज है, मां गंदी चीज है, बाप गंदी चीज है। तुम्हें समाज के लिए काम करना है। ये समाज के हिस्से नहीं हैं क्या? वो भी तो समाज के हिस्से हैं। लेकिन वो कहते थे कि नहीं, नहीं समाज के हिस्से अलग होते हैं। ये कुछ और है। समाज कुछ और है। क्रांति कहीं से आएगी। लाल बत्ती पर ठहरी हुई है। तुम देखोगे अभी आएगी क्रांति दौड़ते हुए।’
‘मां-बाप और बीवी तक को छोड़ दिया’
पीयूष मिश्रा ने आगे कहा, ‘वो मुझसे लगातार 20 साल तक काम करवाते रहे। वो कहते थे जो पैसा कमाता है, वो पूंजीपति हो जाता है। इसलिए पैसा कभी मत कमाना। मैंने कहा कि नहीं कमाऊंगा। सबकुछ छोड़ दिया मैंने। जिंदगी में मैंने मां-बाप को, बीवी को सबको छोड़ दिया। जब मुझे अहसास हुआ कि मैं खराब बाप हो गया…मैं खराब बेटा साबित हो गया तो मैंने सोचा कि खराब बाप साबित नहीं होऊंगा। मेरा बड़ा बेटा हो चुका है। तब मुझे अहसास हुआ कि यार पीयूष मिश्रा ये तो गलती कर रहे हो। इन लोगों ने तो तुम्हारा सबकुछ ले लिया। और सच में इन्होंने सबकुछ ले लिया था। परिवार की कोई चिंता नहीं थी…परिवार को भूल जाओ इस वक्त। जो है सब इसमें लगा दो।’
बुरी तरह टूटे पीयूष, फिल्मों का फैसला
पीयूष मिश्रा यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे बताया कि कम्युनिस्ट जूनियर से बहुत ही खराब काम लेते हैं। पीयूष मिश्रा ने बताया कि वह कम्युनिस्टों के लिए काम करके बुरी तरह टूट चुके थे। शारीरिक और मानसिक रूप से उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। तब पीयूष मिश्रा ने एक दिन फैसला किया कि उन्हें सिनेमा की दुनिया में जाना है।
सिंगर भी हैं पीयूष मिश्रा
पीयूष मिश्रा 1989 में कम्युनिस्टों के संपर्क में आए और 20 साल कुर्बान कर दिए। साल 1986 में वह नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएशन कर चुके थे। लेकिन एक्टिंग के बजाय दूसरी दिशा में बढ़ गए। जब अहसास हुआ तो वापसी का रास्ता तलाशा और सिनेमा में आ गए। पीयूष मिश्रा ने थिएटर एक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत की और आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं। वह एक सिंगर, स्क्रीनराइटर, गीतकार और संगीतकार भी हैं।