आगरा। धौलपुर की सियासत में अबकी बार रिश्ते दांव पर लगे हैं। हाथ के साथ शोभारानी कांग्रेस की टिकट पर मैदान में हैं तो जीजा जी शिवचरण भाजपा का झंडा लेकर उतरे हैं। जीजा-साली के बीच एक और रिश्ता है दलबदल का। कांग्रेस की प्रत्याशी मौजूदा विधायक हैं। भाजपा के टिकट पर चुने जाने के बावजूद विश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने अशोक गहलोत के पक्ष में वोटिंग की थी।
भाजपा प्रत्याशी शिवचरन 2018 में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से चुनाव लड़े थे। बसपा के हाथी पर पूर्व चेयरमैन रितेश शर्मा सवार हैं। कुल 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। धौलपुर शहर का मशहूर चौराहा है गुलाबबाग। सड़क किनारे स्वामी विमल गोस्वामी किराने की दुकान चलाते हैं। रुख पूछा तो बोले-अभी चुनाव दूर है। चुनाव तो अंतिम क्षण तक बदलता है।
लोगों ने बताई अपनी परेशानी
सबसे जरूरी बात विकास है। हमारे क्षेत्र में मचकुंड के विकास में ही 35 करोड़ लगे हैं। पास खड़े राजीव ने टोका- टूटी सड़कों पर गिरकर रोज लोग घायल हो रहे हैं। शहर के जगदीश तिराहे पर चाय की दुकान चलाने वाले संतोष इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला मानते हैं।
वहीं खड़े अरुणेश गुप्ता ने पूरी विधानसभा क्षेत्र का आंकड़ा सुना दिया। बोले, कुल सवा दो लाख वोटर वाली इस सीट पर 45 हजार कुशवाह निर्णायक हैं। 35 हजार ब्राह्मण एवं 25 हजार मुस्लिम समीकरण तय करते हैं। 15 हजार वैश्य, 17 हजार लोधी और इतने ही गुर्जर वोट बैंक पर सबकी निगाहें रहती हैं। त्यागी, बघेल, निषाद में जोड़तोड़ करने के प्रयास होते हैं।
बसपा ने ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला
विकास सिंह ने कहा, बसपा ने ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेला है। आनंद गुर्जर ने रोक दिया, बोले-कुशवाह जिधर मुड़ेंगे उधर ही हार-जीत होगी। सरकार ने निश्शुल्क सिलेंडर देकर, फ्री राशन, 100 यूनिट बिजली दी है। ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा से रोजगार मिला, तो पशुओं का बीमा कराया है।
वृद्ध गिर्राज सिंह बोले, जलसंकट से तो सभी जूझ रहे हैं। राजस्थान में बदलाव की परंपरा कहां ले जाओगे। हर पांच साल में सरकार बदल जाती है। विवेक कुशवाह ने बात काट दी। बोले, यहां तो राजघराने का जोर है। पूर्व मुख्यमंत्री बसुंधरा राजे के कहने से ही हवा का रुख बदलता है। कुछ आगे बढ़े तो पचगांव में खेत किनारे खड़े सोमेश बोले हाथी भी मस्तचाल से चल रहा है। परंपरागत वोट बैंक तो है ही प्रत्याशी की जाति का वोट बैंक मिलकर समीकरण अलग ही बन रहे हैं। जाकी गांव में सड़क किनारे खड़ी महिलाओं ने बताया रोजगार मिला नहीं, पानी को तरस गए।
प्रदेश की हवा के साथ चलते हैं मतदाता
एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की तर्ज पर धौलपुर के मतदाता भी चले। हर बार नए दल और सूरमा भी बदलते रहे। अबकी बार प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दलों में प्रत्याशियों की अदला-बदली हुई है।
लगाए जा रहे जातिगत समीकरण
राजनीतिक दलों ने धौलपुर में ताकत झोंक रखी है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के दिग्गज नेताओं को बुलाया जा रहा है। जातिगत समीकरण भी ध्यान रखा जा रहा है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह भी संगठन में ऊर्जा भर गए हैं। कांग्रेस के नेता जुटे हैं, तो जातियों में प्रभाव रखने वालों को भी उतारा जा रहा है।