गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के रुझान आने लगे हैं। अब तक गुजरात में भाजपा और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। इसी के साथ हिमाचल कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग यानी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त का खतरा भी महसूस होने लगा है। बताया जा रहा है कि नतीजों के बाद कांग्रेस अपने विधायकों को रायपुर अथवा जयपुर-उदयपुर ला सकती है।
सरायपाली विधानसभा से भेंट-मुलाकात कर लौटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर हेलीपैड पर कहा, काउंटिंग चल रहा है तो आखिरी तक इंतजार करना चाहिए। हम लोगों को उम्मीद थी कि हम हिमाचल में सरकार बनाएंगे। वह सरकार बनती दिखाई दे रही है। वहां मुझे पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है तो वहां जाना भी है। कांग्रेस विधायकों को रायपुर लाए जाने की संभावना से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, विधायकों को यहां तो नहीं लाएंगे लेकिन अपने साथियों को संभालकर तो रखना पड़ेगा। भाजपा कुछ भी कर सकती है। वह किसी भी स्तर पर जा सकती है। गुजरात चुनाव के रुझानों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, गुजरात में भी हमें आखिरी तक इंतजार करना चाहिए। वह बड़ा प्रदेश है। 20-22 राउंड की गिनती होगी।
उपचुनाव में जीत को बताया लोगों का भरोसा कायम
कांग्रेस के लिए पहले भी संकट मोचक बना है छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों में कांग्रेस विधायक दल के लिए पहले भी संकट मोचक बना है। पिछले साल असम चुनाव के बाद कांग्रेस गठबंधन के विधायकों को टूट से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ लाया गया था। इस साल राज्यसभा चुनाव में हरियाणा का पूरा विधायक दल रायपुर के रिसॉर्ट में कई दिन रहा। अगस्त में झारखंड में सियासी संकट आया तो कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के विधायकों को एक सप्ताह तक नवा रायपुर के रिसॉर्ट में ठहराया गया।
चंडीगढ़ में रहेगा भूपेश बघेल का मोर्चा
बताया
जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थोड़ी देर बाद रायपुर से चंडीगढ़ रवाना
होंगे। बताया गया कि 2.45 पर उनकी उड़ान है। एयरपोर्ट से वे सीधे होटल
रेडिसन जाएंगे। वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ हिमाचल की स्थिति को
लेकर रणनीतिक चर्चा होनी है। जरूरत महसूस हुई तो वे शिमला के लिए भी रवाना
हो जाएंगे। वहां कांग्रेस विधायक दल को एकजुट रखना अभी पार्टी के लिए सबसे
बड़ी चुनौती बनने जा रही है। राजीव शुक्ला और दूसरे प्रमुख नेता दिल्ली में
पहले ही मोर्चा संभाल चुके हैं।
अभी तक का रुझान कुछ ऐसा है
दोपहर
एक बजे तक की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एक सीट पर कांग्रेस
प्रत्याशी की जीत हो चुकी थी। वहीं 38 सीटों पर उसके उम्मीदवार बढ़त बनाए
हुए हैं। भाजपा ने दो सीटें जीत ली थीं और 24 पर उसके उम्मीदवार एक नंबर पर
चल रहे थे। तीन सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं।