दशाश्वमेध थानाक्षेत्र में 2015 में हुए अन्याय प्रतिकार यात्रा बवाल में आरोपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की दिक्कते कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। इस यात्रा के बवाल में शामिल 81 आरोपी बुधवार को जहां बरी हो गए वहीं इस मामले में आरोपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर मुकदमा चलता रहेगा। यह फैसला बुधवार को एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी के स्पेशल जज अवनीश गौतम ने दिया है। यह फैसला यूपी सरकार के द्वारा दिए गए हलफनामे के बाद लिया गया है, जिसमें अजय राय के खिलाफ आपराधिक मुकदमें होने का हवाला दिया गया है,जिसपर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
सरकार ने दिया हलफनामा
2015 में वाराणसी में गणेश प्रतिमा विसर्जन को लेकर निकाली गई अन्याय प्रतिकार यात्रा के बाद हुए बवाल में लोगों न आगजनी, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी की थी। इसमें सरकारी सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा था इस मामले में 80 से अधिक लोगों पर नामजद मुकदमा हुआ था। यह मुकदमा आज भी चल रहा था। बुधवार को MP/MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम इस मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार के द्वारा दिए गए हलफनामे पर कोर्ट ने सुनवाई की। इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने सतुआ बाबा, स्वामी अविकमुक्तेश्वरानंद सहित 81 लोगों को बरी कर दिया पर अजय राय के लिए सरकार ने आपराधिक इतिहास होने की बात कही जिसकी है वजह से उन्हें बरी नहीं किया गया है।
ये था मामला
वाराणसी में साल 2015 के दौरान गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन की मांग पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत अन्य लोगों पर लाठीचार्ज हुआ था। इसके विरोध में 5 अक्टूबर, 2015 को मैदागिन स्थित टाउन हाल मैदान से अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी। इसमें साधु-संतों ने भी हिस्सा लिया था। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आगे भी एक जत्था चल रहा था। शाम करीब साढ़े 4 बजे गोदौलिया चौराहे पर खड़ा एक सांड भड़क गया और गिरजाघर चौराहे की ओर भागा। इससे भगदड़ मच गई। अन्याय प्रतिकार यात्रा के साथ चौक से गोदौलिया की तरफ जा रहे लोग भी भागने लगे। उन्हें लगा कि पुलिस ने यात्रा रोकी है और लाठीचार्ज किया है। मौका पाकर उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ और फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने ठीक पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया।