लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया है कि विभाग बड़े बकायेदारों को 65 प्रतिशत छूट देकर उनपर मेहरबान हो रहा है, लेकिन आम उपभोक्ताओं पर डंडा चला रहा है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि शनिवार को आम उपभोक्ताओं के साथ वेबीनार में यह भी सवाल उठाया गया है कि पश्चिमांचल में जिस अभियंता ने बड़ी बिजली चोरी पकड़ी उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निर्देश पर अधिशासी अभियंता द्वारा छह संस्थानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही बिजली चोरी पकड़ी गई, लेकिन विभाग ने अधिशासी अभियंता को हटा दिया और अब कंपनियों को 65 प्रतिशत तक की छूट देने की तैयारी की जा रही है।
इनमें फ्लोर मिल शामली का 29,04,955 रुपये, मशरूम प्लांट मुजफ्फरनगर का 8,72,390, प्लास्टिक फैक्ट्री हापुड का 62,62,556, आईस फैक्ट्री मुजफ्फरनगर का 62,26,204, ई-रिक्शा चार्जिंग बुलंदशहर का 17,97,045, ई-रिक्शा चार्जिंग बुलंदशहर का 43,69,626, ई-रिक्शा चार्जिंग बुलंदशहर का 22,73,217 रुपये बकाया है। इन्हें विभाग 65 प्रतिशत तक की छूट देने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था गलत है।