खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि शिकायत छोटी हो या बड़ी उपभोक्ता का कर्त्तव्य भी है और अधिकार भी कि वह शिकायत दर्ज अवश्य कराये। शिकायत दर्ज नहीं कराने का प्रतिकूल प्रभाव समाज पर पड़ता है। कार्यवाही न होने से बेईमानी करने वाले व्यापारी और विक्रेताओं को बल मिलता है। मंत्री श्री सिंह कुशाभाऊ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में विश्व उपभोक्ता दिवस कार्यक्रम में उपभोक्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष कुँवर प्रद्युम्न सिंह लोधी, वेयर-हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री राहुल सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य श्री उमाकांत उमराव एवं संचालक खाद्य श्री दीपक सक्सेना उपस्थित थे।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि एक उपभोक्ता के रूप में आज का दिन आपका दिन है। आपके अधिकारों का दिन है। व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के इस युग में एक उपभोक्ता के रूप में आप अपने अधिकारों को पहचानें एवं उनका उपयोग करें। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम आपको चुकाए गये मूल्य के विरुद्ध उचित वस्तु एवं सेवा प्राप्त करने का अधिकार देता है।
उपभोक्ता ई-पोर्टल पर कर सकेंगे शिकायत
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं के हित में एक अभिनव पहल की गई है, जिसमें ऑनलाइन खरीदी करने वाले उपभोक्ताओं को ई-दाखिल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान की गई है। प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ता ई-दाखिल पोर्टल पर अपना परिवाद आसानी से ई-फाइल कर सकते हैं। शिकायत के साथ ही उपभोक्ता की सुरक्षा एवं सहूलियत के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी सुनवाई की जा सकेगी। दिसम्बर 2022 तक राज्य आयोग में 341 तथा जिला उपभोक्ता आयोग में 2614 प्रकरण ऑनलाइन दर्ज कराये गये हैं। राज्य आयोग द्वारा माह जुलाई 2020 से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा वर्चुअल सुनवाई प्रारंभ की गई है।
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि राज्य आयोग में 31 दिसम्बर 2022 तक 61 हजार 246 प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें 52 हजार 876 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसी प्रकार जिला आयोग में 3 लाख 8 हजार 632 प्रकरणों में से 2 लाख 71 हजार 119 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
खाद्य मंत्री श्री सिंह ने बताया कि नापतौल विभाग उपभोक्ताओं को उनके भुगतान का सही मूल्य प्रदान कराने की दृष्टि से नापतौल उपकरणों की सत्यता सुनिश्चित करने का कार्य करता है। इसमें बांट का वजन, लम्बाई, माप आदि नापतौल उपकरणों की सत्यता का सत्यापन करता है। विभाग द्वारा विगत वर्ष 4 हजार 328 प्रकरणों में एक करोड़ 42 लाख रूपये का प्रशमन शुल्क एकत्रित किया गया।
समारोह स्थल पर प्रदर्शनी के माध्यम से ई-कॉमर्स, बीमा प्रकरण, मिलावट पहचानने के तरीके, बीमा लोकपाल आदि नियमों में उपभोक्ताओं के अधिकार, औषधि क्रय एवं उपयोग में सावधानियाँ आदि के विषय में उपभोक्ताओं को अवगत कराया गया।