दिल्ली-बैंगलुरु राजधानाी एक्सप्रेस से किसी मामले में दिल्ली से हैदराबाद जा रहे दिल्ली पुलिस के जवानों का कोच के दो टीटीई से पुलिस वारंट को लेकर विवाद हो गया। पुलिस जवानों व टिकट संग्राहकों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि दिल्ली पुलिस के दोनों जवानों ने बीच में ही यात्रा छोड़ ग्वालियर स्टेशन पर उतरकर जीआरपी थाना पहुंचकर टीटीई के खिलाफ पुलिस वारंट फाड़ने व दोनों के साथ अभ्रदता करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी। जीआरपी ने इस मामले में मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली निवासी 33 वर्षीय अनुराग कुमार और अमरदीप यादव दिल्ली पुलिस में नौकरी करते है। बीते रोज पुलिस जवान अनुराग व उसका साथी किसी मामले में वारंट तामील कराने के लिए दिल्ली से हैदराबाद जाने के लिए 22692 अप दिल्ली-बैंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस में पुलिस वारंट के साथ सवार हुए थे। राजधानी एक्सप्रेस में ड्यूटी पर तैनात टीटीई सुलेमान व इम्तियाज कोच चेक करते हुए ट्रेन की पेंट्रीकार में पहुंचे तो पेंट्रीकार में बनी कर्मचारियों की केबिन में दो युवक बैठे दिखाई दिए। जब दोनों युवकों से दोनों टिकट संग्रहकों ने टिकट दिखाने को कहा तो पुलिस जवान अनुराग ने पुलिस वारंट दिखाया। इस पर दोनों टीटीई ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इस वारंट से टिकट बनवाने के बाद भी आप राजधानी एक्सप्रेस में सफर कर सकते है। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पुलिस जवान ट्रेन के ग्वालियर पहुंचने पर कोच से उतरे और सीधे दोनों टीटीई के खिलाफ पुलिस वारंट फाड़ने व अभद्रता का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी।
क्या कहता है रेलवे का नियम-
रेलवे का सीधा नियम है कि कोई भी यात्री किसी भी ट्रेन में रेलवे द्वारा अलॅाट किए जाने वाले पीएनआर नंबर पर ही सफर कर सकता है। बिना पीएनआर के सफर करना रेल नियम के विरुद्ध है, साथ ही पुलिस वारंट पर सफर करने के लिए आरक्षित विंडों से टिकट बनवाना पड़ता है पात्रता अनुसार जारी किए जाने वाले पीएनआर नंबर पर ही कोई भी सुरक्षा कर्मी रनिंग ट्रेन में सफर कर सकता है।