तख्तापलट के लिए आतंकी साजिश रचने के आरोप में जर्मनी में 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बुधवार की सुबह लगभग 3 हजार पुलिस के जवानों ने जर्मनी के 16 में से 11 राज्यों में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘रीच्सबर्गर’ से जुड़े लोगों को पकड़ा गया।
आतंकी साजिश के आरोप में पकड़े गए लोगों में 72 साल के रिटायर्ड मिलिट्री कमांडर और राइट विंग पार्टी के पूर्व एमपी भी शामिल हैं। प्रासीक्यूटर ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए 25 लोगों का पार्लियामेंट में जबरन हथियारों के साथ घुसने का पक्का इरादा था। इनमें से 22 लोग जर्मनी के नागरिक हैं। बाकी 3 लोगों में से एक रूसी महिला भी है जो इन लोगों का समर्थन कर रही थी।
आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना के बैरकों की भी ली गई तलाशी
जर्मनी के लोकल मीडिया के मुताबिक जिन जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया उनमें जर्मनी की स्पेशल फोर्स KSK के बैरक भी हैं। इस युनिट के कुछ सैनिकों से पहले भी धुर दक्षिण पंथी संगठनों से जुड़ होने के कारण पूछताछ की गई थी। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस ग्रुप के पास खतरनाक हथियार मौजूद थे।
जर्मन मीडिया के मुताबिक पूरे ग्रुप का लीडर 71 साल का हाइनरिक है जो ईस्टर्न जर्मनी के शाही परिवार का वंशज है। साथ ही जर्मनी के पैराट्रूपर बैटालियन का सीनीयर फील्ड अफसर रुडगर वॉन पी भी इसका साथी बताया जा रहा है।
पिछले साल बनाया गया था आतंकी संगठन
रुडगर पी वॉन और हाइनरिक ने पिछले साल अपने संगठन को बनाया था । इसका लक्ष्य जर्मनी की मौजूदा सरकार को गिराकर अपनी खुद की सरकार बनाने का था। तख्तापलट के बाद बनने वाली सरकार के लिए इस ग्रुप के सदस्यों ने मंत्रियों को चुनना भी शुरू कर दिया था। इसके लिए 58 साल के पूर्व एमपी बिरगिट मालसैक को कानून मंत्री चुना गया था। पकड़े गए सभी लोगों का मानना था कि उनके देश को कोई ऐसी सरकार चला रही है जो जर्मनी विरोधी है।
रूस ने पल्ला झाड़ा
तख्तापलट की नाकाम साजिश में पकड़ी गई एक महिला रूसी बताई जा रही है। माना जा रहा है कि वो संगठन को रूस से मदद दिलाने की कोशिश कर रही थी। अभी तक ये नहीं पता चला है कि इस संगठन की तरफ से रूस में किस से संपर्क किया गया था। हालांकि रूस ने इस तरह के किसी भी मामले की जानकारी होने से मना कर दिया है। रूस के प्रवक्ता ने कहा कि यह जर्मनी का आंतरिक मामला है।
जर्मनी में लगातार बढ़ रही राइट विंग संगठनों की सदस्यता
जर्मनी में घोर दक्षिणपंथी संगठनों में लोगों की बढ़ती सदस्यता पर काफी समय से चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। पिछले तीन सालों में वहां की सिक्योरिटी फोर्सेस ने 327 कर्मचारियों को चरमपंथी संगठनों के संपर्क में होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन में से कई लोग तो उन कार्यक्र्मों का हिस्सा थे जो हिटलर के समर्थन वाले नारे लगाते हैं। पकड़े गए 327 लोगों में से 83 लोग फौज के वहीं 18 लोग फौज के सदस्य हैं।