पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तगड़ा झटका लगा है. मंगलवार (30 जनवरी, 2024) को उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक के खिलाफ यह एक्शन साइफर केस (Cipher Case) में हुआ है. स्थानीय अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के अलावा मुल्क के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को भी इस केस में इतने ही साल की सजा सुनाई गई है. ऑफीशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत गठित स्पेशल कोर्ट ने दोनों नेताओं के खिलाफ यह फैसला दिया है.
पड़ोसी मुल्क में यह घटनाक्रम ऐसे वक्त पर देखने को मिला है जब वहां 8 फरवरी, 2024 को आम चुनाव होने हैं. इमरान खान का दल इस चुनाव में ढेर सारी चुनौतियों के बीच ताल जरूर ठोंक रहा है. रोचक बात है कि उसके पास फिलहाल चुनावी चिह्न तक नहीं है. दरअसल, सायफर केस एक डिप्लोमैटिक डॉक्यूमेंट (कूटनीतिक दस्तावेज) से जुड़ा मामला है. फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की चार्जशीट में आरोप है कि उसे इमरान खान की ओर से कभी लौटाया ही नहीं गया, जबकि पीटीआई का लंबे समय से कहना था कि उस दस्तावेज में अमेरिका की ओर से धमकी थी कि इमरान खान को वहां के वजीर-ए-आजम (पीएम) के नाते बेदखल कर दिया जाएगा.
दिसंबर, 2023 में इससे पहले देश के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी की पोस्ट अरेस्ट बेल्स (गिरफ्तारी के बाद वाली जमानत) को मंजूर किया था. पूर्व पीएम इस दौरान अन्य मामलों में जेल में थे, जबकि पूर्व विदेश मंत्री की संभावित रिहाई भी ठंडे बस्ते में चली गई थी. ऐसा इसलिए क्योंकि तब वह एक अन्य मामले में 9 मई को गिरफ्तार कर लिए गए थे. मौजूदा समय में दोनों नेता फिलहाल जेल में हैं. अक्टूबर, 2023 में इन दोनों के नाम सबसे पहले इस मामले में सामने आए थे. हालांकि, दोनों ने तब गलती स्वीकार नहीं की थी.