अहमदाबाद: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में शानदार 128 रन बनाने वाले भारत के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने स्वीकार किया कि मेजबान बल्लेबाजी क्रम ने अनुभवी ऑफ स्पिनर नाथन लायन पर दबाव बनाने की कोशिश की। लेकिन उनके खिलाफ रन बनाना काफी मुश्किल लग रहा था। लायन चार मैचों में 19 विकेट के साथ सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के अग्रणी विकेट लेने वाले खिलाड़ी थे, जिसमें इंदौर में तीसरे टेस्ट में मेहमान की नौ विकेट की जीत में प्लेयर ऑफ द मैच भी शामिल था।
उन्होंने नई दिल्ली में पांच विकेट लेने का कारनामा भी किया था, जो व्यर्थ गया, क्योंकि भारत ने ट्रॉफी को बरकरार रखने के लिए छह विकेट से जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, ‘(लायन) हमेशा अपनी छाप छोड़ते हैं। वह आपके धैर्य की बहुत परीक्षा लेते हैं। खासकर जब मैं तीसरे दिन उनके खिलाफ बल्लेबाजी कर रहा था और पहला सत्र मेरे और रोहित के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था। वह केवल अपने क्षेत्र में गेंदबाजी करते हैं।’
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गिल ने कहा, ‘जो लगातार ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करते हैं, उनके लिए वह बल्लेबाज को ज्यादा मौके नहीं देते हैं। वह हाफ वॉली या शॉर्ट बॉल नहीं देते हंै। यह काफी आश्चर्यजनक है। एक बल्लेबाज के रूप में उनके खिलाफ रन बनाना काफी मुश्किल है।’ लायन ने टिप्पणी की है कि यह दौरा उनके और ऑस्ट्रेलिया के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। ‘यह एक कठिन चुनौती रही है। हम जानते थे कि यह कठिन होने वाला है, लेकिन यह फायदेमंद रहा है। मुझे लगता है कि हमारी टीम इससे बहुत कुछ सीख सकती है। ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम सुधार कर सकते हैं।’
लायन ने यह भी कहा कि क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड-श्रीलंका टेस्ट मैच पर ऑस्ट्रेलिया की नजर थी, लेकिन उन्हें पता था कि 7-11 जून तक द ओवल में होने वाली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत उनका प्रतिद्वंद्वी होगा। लायन ने यह बताया कि उन्हें टॉड मर्फी और मैथ्यू कुहनमैन पर गर्व है, जिन्होंने भारत में पहली बार टेस्ट खेलने वाली सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया के लिए स्पिन विभाग में संयुक्त रूप से 19 विकेट लिए।